भारत-जापान '2+2' वार्ता के लिए दिल्ली पहुंची जापान की विदेश मंत्री, अब होगा चीन के कर्मों का हिसाब-किताब

भारत-जापान '2+2' वार्ता के लिए दिल्ली पहुंची जापान की विदेश मंत्री, अब होगा चीन के कर्मों का हिसाब-किताब

India-Japan 2+2 Meeting: चीन की दुश्मनी सिर्फ भारत से नहीं है, उसकी हरकतों से कई देश परेशान हैं। बीजिंग दक्षिण चीन सागर के पूरे हिस्से पर अपना दावा करता है। वह सीमाओं को मानने से इनकार करता है। ताकत के दम पर दूसरे देशों की जमीन हड़पना चाहता है। ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव और चीन से मिल रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा तीसरी भारत-जापान 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए भारत आईं हैं। उम्मीद है कि इस बार की बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर चर्चा होगी।

बता दें कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर आज (20 अगस्त) अपने जापानी समकक्षों किहारा माइनोरू और कामिकावा के साथ बातचीत करेंगे।

जापान और चीन के बीच द्वीपों को लेकर विवाद

पूर्वी चीन सागर में मौजूद द्वीपों को लेकर जापान और चीन के बीच विवाद है। ये द्वीप फिलहाल जापान के नियंत्रण में हैं, लेकिन चीन इन पर अपना दावा करता है। बार-बार चीनी सेना इस इलाके में पहुंच जाती है, जिससे तनाव चरम पर है।

चीन फिलीपींस में भी ऐसी ही हरकतें कर रहा है। अभी दो दिन पहले ही दक्षिण चीन सागर में एक चीनी जहाज फिलीपींस के जहाज से टकरा गया था। कहा, चीन युद्ध भड़का रहा है। हालांकि, चीन का दावा है कि फिलीपींस की सेना ने उसका जहाज डुबो दिया। उन्होंने परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है। यह पहली बार नहीं है। दोनों देशों के बीच कई बार ऐसी झड़पें हो चुकी हैं। फिलीपींस समुद्र में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। लड़ाकू विमान भी युद्ध के लिए तैयार हैं।

चीन से निपटने के लिए कैसे बन रही है योजना?

1- भारत-जापान 2+2 वार्ता का एजेंडा स्पष्ट है। चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को देखते हुए दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।

2- भारत-जापान सैन्य अभ्यास को और तेज करने की तैयारी में हैं। इसे और आधुनिक बनाया जाएगा, ज्यादा हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा।

3- दोनों देश चाहते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हो। इस क्षेत्र में मुक्त व्यापार हो सकता है। किसी को कोई दावा नहीं करना चाहिए।

4- कुछ दिन पहले फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर जापान पहुंचे थे। वहां चीन को घेरने की रणनीति बनाई गई। तय हुआ कि दोनों देशों की सेनाएं चीन के मंसूबों को हासिल करने में कामयाब होंगी।

5- जापान और फिलीपींस तटरक्षक बल के लिए सबसे बड़े आधुनिक जहाज बना रहे हैं, जिन्हें दक्षिण चीन सागर में तैनात किया जाएगा। ये चीन को सीधी चुनौती देने जैसा है।

6- जापान इटली और ब्रिटेन के सहयोग से उन्नत लड़ाकू जेट विमान विकसित कर रहा है। इन्हें फिलीपींस और मलेशिया को भी देने की तैयारी है, ताकि वे चीन से मुकाबला कर सकें।

7- हाल ही में जापान के कोस्टा गार्ड ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया है। इसमें लड़ाकू विमान भी उतारे गए।

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