RUSI रिपोर्ट का दावा, अगले 5 साल में भारत-चीन के बीच होगा एक और युद्ध, वजह है ड्रैगन का ये डर!

RUSI रिपोर्ट का दावा, अगले 5 साल में भारत-चीन के बीच होगा एक और युद्ध, वजह है ड्रैगन का ये डर!

India-China War:भारत और चीन के बीच तनाव किसी से छिपा नहीं है। इसी के चलते आने वाले समय में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है और दोनों देश युद्ध तक कर सकते हैं। भूराजनीतिक विशेषज्ञों ने इसे लेकर चेतावनी दी है। विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि हिमालय में दूसरे भारत-चीन युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। दोनों देशों के बीच अगले छह साल तक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन और भारत के बीच 2025 से 2030 के बीच कभी भी युद्ध छिड़ सकता है।

हालांकि, पूर्व भारतीय सेना प्रमुख का कहना है कि 2020 में गलवान संघर्ष के बाद चीन नहीं चाहेगा कि भारत के साथ कोई युद्ध शुरू हो। ताइवान मुद्दे को सुलझाने से पहले चीन कम से कम भारत के साथ तनाव बढ़ाने का जोखिम नहीं उठाएगा।

चीन ने किया रक्षा खर्च में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि

चीन ने 2024 में अपने रक्षा खर्च में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है। चीन लगातार ताइवान पर हमला कर उस पर कब्जा करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ताइवान की स्वतंत्रता और बाहरी हस्तक्षेप के उद्देश्य से अलगाववादी गतिविधियों का दृढ़ता से विरोध करता है। चीन ने ताइवान के शांतिपूर्ण एकीकरण के संदर्भ भी हटा दिए हैं और कहा है कि वह इस मामले में मजबूती से आगे बढ़ेगा।

2025-2030में हो सकता है भारत-चीन युद्ध?

यूरेशियन टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) ने 'भारतीय क्षितिज पर युद्ध के बादल?' शीर्षक से रिपोर्ट की है। इस रिपोर्ट में इंटरनेशनल पॉलिटिकल रिस्क एनालिटिक्स के अध्यक्ष समीर टाटा ने भविष्यवाणी करते हुए रिपोर्ट में लिखा, 'चीन को डर है कि उसके पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में स्थित काशगर एनर्जी प्लांट पर हमला करने का एकमात्र रास्ता पूर्वी लद्दाख है। अगर कोई दुश्मन काशगर ऊर्जा संयंत्र पर हमला कर उस पर कब्जा कर लेता है तो चीन की ऊर्जा व्यवस्था ठप हो जाएगी।रिपोर्ट में कहा गया है कि काशगर प्लांट ईरान की महत्वपूर्ण तेल और गैस पाइपलाइन से जुड़ा है। यह पाइपलाइन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना के तहत पाकिस्तान से होकर गुजरती है।

युद्ध को लेकर पूर्व भारतीय सेना प्रमुख की राय अलग है। यूरेशियन टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में गलवान संघर्ष के बाद चीन जानता है कि नया भारत पीछे हटने वाला नहीं है। हालाँकि, वह इस तर्क से सहमत हैं कि लद्दाख और काराकोरम दर्रा चीन की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हैं क्योंकि ये हिस्से CPECपरियोजना के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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