
नई दिल्ली:इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) ने मंगलवार को तोशाखाना मामले में इमरान खान की सजा को निलंबित करने के तुरंत बाद फिर गिरफ्तार कर लिया है। उनकी यह गिरफ्तारी सिफर मामले में हुई है। इस मामले में उन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस फैसला का PTIने स्वागत किया था और इसे संविधान की जीत बताया था।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के PMशहबाज शरीफ ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और उनकी जगह अनवर उल हक केयरटेकर प्रधानमंत्री बने हैं, जिसके बाद इमरान खान को तोशाखाना मामले में राहत मिली है। बलूचिस्तान अवामी पार्टी से जुड़े सीनेटर अनवर उल हक इस साल के अंत में नए चुनाव तक कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करेंगे। PMशरीफ ने 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश की थी। ऐसे में संविधान के अनुसार अगला आम चुनाव 90 दिनों में होगा।
जेल में कीट-पतंगों से परेशान थे इमरान
इमरान खान को अटक जेल में रखा गया था, लेकिन वह चाहते थे कि उन्हें अटक से रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट कर दिया जाए। इमरान खान के वकीलों का कहना है कि 70 साल के उनके मुवक्किल अटक जेल में नहीं रहना चाहते क्योंकि यहां दिन के समय मक्खियों और रात में कीट-पतंगों ने उनका जीना मुहाल कर रखा है।
3 साल की सजा, 5 साल चुनाव लड़ने पर रोक
इमरान खान को तोशाखाना मामले में 3साल की सजा हुई थी। इसके अलावा चुनाव आयोग ने उन पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। इमरान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
उन्होंने निचली अदालत के फैसले पर कहा था कि ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था। यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है। इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है।
क्या है तोशाखाना मामला?
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है। नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है।
इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था, लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा कानूनी अनुमति दी थी।
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