
Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि इजरायल को इस्लामिक रिपब्लिक ईरान द्वारा किए गए नवीनतम मिसाइल हमले के जवाब में ईरान की परमाणु सुविधाओं को लक्षित करना चाहिए। यह टिप्पणी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने मध्य पूर्व में "पूरी तरह से युद्ध" की संभावना को खारिज करते हुए इसे टालने के प्रयासों पर जोर दिया।
ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करेगा, तो उन्होंने कहा कि केवल तब जब ईरान परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा। लेकिन यही वह स्थिति है जिस पर इजरायल को पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए।"
संभावित सैन्य कार्रवाई पर चर्चा
बाइडेन के इस बयान के बाद, ट्रंप ने जोर दिया कि इजरायल को ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर इजरायल इस दिशा में सोच रहा है, तो उन्हें इसे करना चाहिए। हम उनकी योजनाओं का पता लगा लेंगे।"
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि इजरायल ने बाइडेन प्रशासन को कोई आश्वासन नहीं दिया है कि वह ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला नहीं करेगा। यह बात इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को और भी गंभीर बनाती है।
बाइडेन का युद्ध टालने का प्रयास
78वर्षीय ट्रंप की यह टिप्पणी राष्ट्रपति बाइडेन के एक दिन पहले के बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लेबनान और ईरान द्वारा इजरायल को घेरने के प्रयासों के चलते बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने की संभावना नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें यकीन है कि ऐसा नहीं होगा, तो बाइडेन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पूरी तरह से युद्ध होने वाला है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इजरायल की मदद के लिए अमेरिकी सेना भेजेंगे, तो बाइडेन ने कहा, "हमने पहले ही इजरायल की मदद की है। हम उनकी रक्षा करने का कार्य जारी रखेंगे।"
भविष्य की स्थिति पर चिंता
इस समय, अमेरिका और मध्य पूर्व के बीच का तनाव बढ़ रहा है, और ट्रंप की टिप्पणियाँ इस जटिल स्थिति में और गहराई जोड़ती हैं। बाइडेन प्रशासन के दृष्टिकोण के साथ ट्रंप की टिप्पणी इस बात का संकेत है कि दोनों नेताओं के बीच ईरान के प्रति नीतियों में स्पष्ट भिन्नताएँ हैं। यह स्थिति भविष्य में संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर भी चिंताएं बढ़ा रही है।
ट्रंप का इजरायल को प्रेरित करने वाला बयान और बाइडेन का शांतिपूर्ण समाधान का प्रयास, दोनों ही अमेरिका और इजरायल के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये Middle East में स्थिरता की दिशा में उठाए गए कदमों को प्रभावित कर सकते हैं।
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