China-Taiwan Row: कैसे ताइवान ने लाई चिंग-ते को चुनाव जीताकर चीन को दिखाई उसकी औकात, जानें

China-Taiwan Row: कैसे ताइवान ने लाई चिंग-ते को चुनाव जीताकर चीन को दिखाई उसकी औकात, जानें

China-Taiwan Row: ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के विलियम लाई चिंग-ते (Lai Ching-Te) ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्हें चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है। लाई और उनकी पार्टी ने हमेशा ताइवान की अलग पहचान की वकालत की है। ऐसे में लाई के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद चीन और ताइवान के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

आपको बता दें कि,2.3 करोड़ की आबादी वाले ताइवान चीन जैसी महाशक्ति को आंख दिखा रहा है, और इन चुनावों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। उनकी जीत के बाद चीन ने कहा कि DPPजनता की आम राय का प्रतिनिधित्व नहीं करती है और चाहे कोई भी जीते, इससे चीन के री-यूनिफ़िकेशनपर कोई असर नहीं पड़ेगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ताइवान में जो भी बदलाव हो रहे हैं, उसका बुनियादी तथ्य ये है कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है और ताइवान उसका हिस्सा है और इस तथ्य में किसी भी कीमत पर बदलाव नहीं होगा।

लाई चीन के मुखर विरोधी हैं

शनिवार को चुनाव जीतने के बाद भी अपने ही समर्थकों का सामना कर रहे लाई ने कसम खाई कि ताइवान "दुनिया भर के लोकतंत्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।" लाई ने द्वीप की रक्षा करने और इसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की भी कसम खाई, जो काफी हद तक चीन के साथ व्यापार पर निर्भर है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग ने न सिर्फ DPPकी बार-बार आलोचना की है, बल्कि लाई पर कई निजी हमले भी किए हैं।

लाई की पार्टी को अलगाववादी मानता है चीन

मालूम हो कि लाई अलग ताइवान पहचान के समर्थक रहे हैं और चीन के साथ एकीकरण के मुखर विरोधी हैं। वह चीन के बजाय अमेरिका से नजदीकियां बढ़ाने के पक्ष में हैं। यही वजह है कि चीन भी उनकी पार्टी को अलगाववादी मानता है।

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