
India-Canada Relations: कनाडा की शीर्ष खुफिया एजेंसी, कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया है कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और साजिश रचने के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हाल ही में, 15 से 17 जून तक G7 शिखर का 51 वां सम्मेलन कनाडा के कनानास्किस, अल्बर्टा में आयोजित हुआ। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। लेकिन CSIS की इस रिपोर्ट ने भारत और कनाडा के बीच पहले से तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को और जटिल कर दिया है।
CSIS की रिपोर्ट में हुआ खालिस्तानी चरमपंथ का खुलासा
कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS ने साल 2024 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 1980 के दशक के मध्य से कनाडा में राजनैतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ (Politically Motivated Violent Extremism - PMVE) का खतरा मुख्य रूप से कनाडा-आधारित खालिस्तानी चरमपंथियों (CBKEs) के माध्यम से प्रकट हुआ है। ये चरमपंथी भारत के पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना के लिए हिंसक साधनों का सहारा ले रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया 'कनाडा में कुछ व्यक्ति खालिस्तानी चरमपंथी माने जाते हैं। क्योंकि वे भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए कनाडा को आधार के रूप में इस्तेमाल करते हैं।'
CSIS की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हालांकि 2024 में कनाडा की धरती पर खालिस्तानी चरमपंथियों से जुड़ा कोई हमला नहीं हुआ। लेकिन इन समूहों की विदेशों में हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता कनाडा और उसके हितों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बनी हुई है। CSIS ने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ को लेकर भारत की चिंताएं वास्तविक और कथित दोनों रूपों में कनाडा में भारतीय विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों को प्रेरित करती हैं।
खालिस्तानी मुद्दे पर भारत की चिंता
बता दें, भारत ने दशकों से कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों की गतिविधियों पर चिंता जताई है। भारत ने बार-बार कनाडा से खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं, हाल के कुछ सालों में भारत ने सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया, जो खालिस्तान की वकालत करता है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा माना जाता है।
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