
America Warns Russia And North Korea: रूस और यूक्रेन में लगभग तीन वर्षों से युद्ध चल रहा है। एक तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, तो दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की हैं। दोनों नेता अपनी-अपनी जिद्द पर अड़े हैं और युद्ध से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस सब के बीच, रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया ने एंट्री मार दी है। बताया जा रहा है कि, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से 10000 सैनिकों की एक टुकड़ी रूस भेजा दिया है। जिसके बाद अमेरिका को गुस्सा आ गया है।
बता दें कि, बुधवार यानी 30 अक्टूबर को अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में अपना पक्ष रखते हुए अमेरिका को चेतावनी दे दी है।अमेरिका ने कहा कि, अगर कोई कोरियाई सैनिक युद्ध के लिए यूक्रेन में घुसते हैं, तो कोरियाई सैनिकों की डेड बॉडी वापस जाएगी।
युद्ध में नाटों देशों की हो सकती है एंट्री
बता दें कि, उत्तर कोरिया ने तो अपनी सेना रूस में भेज दी है लेकिन, अगर युद्ध के दौरान कोरियाई सैनिक यूक्रेन में घुसकर हमला करते हैं, तो मामला बिगड़ सकता है। क्योंकि इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध में नाटो देशों की एंट्री हो सकती है। ये बातें अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कही है। अमेरिका ने आगे कहा कि, मैं किम उन जोंग को कहना चाहता हूं कि " वह इस तरह के लापरवाह और खतरनाक कदम उठाने से पहले दो बार सोचें"।
रूसी राजदूत ने भी रक्षा अपना पक्ष
इसी बीच रूस के राजदूत ने भी संयु्क्त राष्ट्र में अपना पक्ष रखा। रूसी राजदूत ने कहा कि, अगर यूरोपीय देश और अमेरिका, यूक्रेन की मदद कर सकते हैं, तो उत्तर कोरिया रूस की मदद क्यों नहीं कर सकता? रूस ने आगे कहा कि, उत्तर कोरिया के साथ रूस की सैन्य डील किसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करती है। हालांकि, इससे पहले रूस ने युद्ध में उत्तर कोरिया के सैनिकों के दखल देने की बात से इनकार किया था। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अमेरिका के अलावा, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन ने किम जोंग उन के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। साथ ही इन देशों ने पुतिन पर आरोप लगाए हैं कि, रूस ने उत्तर कोरिया के सैनिकों की तैनाती कर संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन किया है।
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