"पश्चिमी देश भारत-चीन-रूस की दोस्ती तोड़ने की रच रहे साजिश, पुतिन के मंत्री का बड़ा आरोप

Russia Minister: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों पर भारत, चीन और रूस के बीच दोस्ती में दरार डालने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। लावरोव ने कहा कि पश्चिमी शक्तियां इन तीनों देशों के बीच तनाव पैदा कर अपनी सामरिक रणनीति को मजबूत करना चाहती हैं। यह बयान जिस समय में आया है, जब भारत, चीन और रूस के बीच सहयोग को लेकर पहले से ही चर्चाएं चल रहीं हैं।
लावरोव का बयान
लावरोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पश्चिमी देश भारत और चीन को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी नीति इन देशों के बीच टकराव को बढ़ाना है, ताकि यूरेशिया क्षेत्र में उनकी प्रभुता बनी रहे। साथ " उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस, भारत और चीन के बीच मजबूत संबंध वैश्विक स्थिरता के लिए जरूरी हैं। लावरोव ने यूरेशिया सुरक्षा संगठन के गठन का प्रस्ताव भी रखा, जिसमें इन तीनों देशों की अहम भूमिका हो सकती है।
यह बयान भारत-चीन सीमा विवाद और रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण है। क्योकि लावरोव ने पश्चिमी देशों पर "विभाजन और शासन" की नीति अपनाने का आरोप लगाया, जिसका उद्देश्य इन देशों को कमजोर करना है।
भारत-रूस संबंधों की मजबूती
भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रणनीतिक संबंध रहा है। रूस भारत का प्रमुख रक्षा साझेदार है और दोनों देश ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों पर मिलकर काम करते हैं। लावरोव के इस बयान को भारत में सकारात्मक रूप हो सकता है। सोशल मीडिया पर कई भारतीय यूजर्स ने इसे रूस की दोस्ती का सबूत बताया है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और आगे कि राह
पश्चिमी देशों ने अभी तक लावरोव के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि यह बयान वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ भी हो सकता है। रूस का यह कदम पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को चुनौती देने की दिशा में नजर आ रहा है।
भारत ने इस मामले पर संतुलित रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोग चाहता है। हम अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर वैश्विक स्थिरता के लिए काम करते रहेंगे।"
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