‘हम और मजबूत होंगे ’, 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने पुतिन

‘हम और मजबूत होंगे ’, 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने पुतिन

Vladimir Putin:  रूस में पांचवीं बार व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में शपथ ली। इसी जगह रूस के जार परिवार के 3 राजाओं (एलेक्जेंडर 2, एलेक्जेंडर 3और निकोलस 2)की ताजपोशी हुईथी। शपथ लेने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने कहा,"हम और मजबूत होंगे। हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे जो हमें दुश्मन समझते हैं। मैं जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।"

उनके इस शपथ समारोह में रूस की फेडरेल काउंसिल के सदस्य (सीनेट के सांसद), स्टेट डूमा के सदस्य (निचले सदन के सांसद), हाईकोर्ट के जज, अलग-अलग देशों के राजदूत और डिप्लोमैटिक कॉर्प्स शामिल हुए। वहीं दूसरी तरफ, पुतिन के शपथ समारोह का अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है।

रह चुके हैं सबसे ताकतवर शख्स

बता दें, रूस में 15-17 मार्च को चुनाव हुए थे उसमें उनको 88%वोट मिले थे। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4%वोट मिले थे। तो वहीं उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4%वोट मिले थे। इससे पहले पुतिन साल 2004, 2012 और 2018  में भी वे राष्ट्रपति रह चुके हैं। फोर्ब्स के अनुसार,  साल 2013 से लेकर 2016 तक लगातार 4 बार व्लादिमिर पुतिन को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स घोषित किया गया था। वो रूस के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते हैं। वहीं पुतिन की बेटियों की गिनती रूस की सबसे अमीर लड़कियों में होती है। इसके अलावा रूसी अरबपतियों के ग्रुप ‘ऑलिगार्की’ पर भी पुतिन की पकड़ काफी मजबूत है।

राष्ट्रपति रहने की खत्म की सीमा

रूसी संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। जिसके कारण 8 मई 2008 को पुतिन ने पीएम रह चुके दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद PM बन गए थे। नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया। जिसके बाद 2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बने। फिर 2014 में पुतिन ने क्रीमिया पर हमला करके उसे रूस के कब्जा में कर लिया। फिर जनवरी 2020 में पुतिन ने संविधान संशोधन के जरिए दो टर्म तक राष्ट्रपति रहने की सीमा खत्म कर दिया।

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