कानपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना चुका विकास दुबे का आज STF ने एनकाउंटर कर दिया. विकास दुबे कानपुर में बदमाशों का गैंग चलाता था. विकास दुबे पर चौबेपुर थाना पुलिस में 60 संगीन मुकदमें दर्ज है. बता दें कि 2 जून की रात को बिकरू गांव में दुबे ने 8 पुलिस वालों को COसमेत मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद से विकास दुबे फरार चल रहा था. दुबे को कल उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. आज STF ने अपना बदलाPUR पूरा किया. अब हम आपको इस दुर्दांत दुबे का अपराधिक रिकॉर्ड बताएंगे. कहां से दुबे के अपराध की शुरूआत हुई थी.
Criminal Record Of Vikas Dubey
आपको बता दें कि इस दुर्दांत दुबे के अपराध की शुरूआत साल 1990 में शुरू हुई थी. बिकरु गांव निवासी किसान के बेटे विकास दुबे ने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए नवादा गांव के किसानों को वर्ष 1990 में पीटा था.विकास दुबे के खिलाफ सबसे पहले शिवली थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था.ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र में पिछड़ों की हनक को कम करने के लिए विकास को राजनीतिक संरक्षण मिलता गया.उस वक्त पूर्व विधायक नेकचंद्र पांडे ने विकास को संरक्षण दिया था.विकास क्षेत्र में दबंगई के साथ मारपीट करता रहा, थाने पहुंचते ही नेताओं के फोन आने शुरू हो जाते थे.कुछ दिनों बाद तो पुलिस ने भी विकास पर नजर टेढ़ी करनी छोड़ दी थी.
साल 2000 में किया था पहला मर्डर
साल 2000में विकास ने इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे को गोली मारकर पहला मर्डर किया था. वर्ष 2001में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को शिवली थाने के भीतर गोली मारकर मौत के घाट उतारकर विकास ने क्षेत्र में अपनी दहशत फैलाई. बिकरु और शिवली के आसपास क्षेत्र में विकास की दहशत कुछ इस कदर थी कि उसके एक इशारे पर चुनाव में वोट गिरना शुरू हो जाते थे.
चुनावी रंजिश में ही विकास की दुश्मनी लल्लन बाजपेई से हुई. शिवली क्षेत्र की जमीनों और बाजार की वसूली में अपना कदम रखने के बाद विकास की क्षेत्र में हनक बढ़ती गई. राजनीतिक संरक्षण और दबंगई के बल पर विकास जिला पंचायत सदस्य चुना गया और आसपास के तीन गांवों में उसके परिवार की ही प्रधानी कायम हो गई.
60 से ज्यादा दर्ज है अपराधिक मुकदमें
विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी वसूलना, लूट और फिरौती मांगने समेत कई संगीन धाराओं में 60 मुकदमे दर्ज हैं. विकास के खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा चुकी है. साल 2017 में विकास को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. साल 2017 के बाद आज विकास दुबे को STF ने मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने एनकाउंटर से पहले अपनी पत्नी से बातचीत की थी. दुबे ने अपनी पत्नी से बात वीडियो कॉल से की थी. विकास दुबे के इस एनकाउंटर पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है.
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