UddhavThackeray: एशिया कप 2025का फाइनल मुकाबला इंडिया और पाकिस्तान के बीच दुबई में खेला गया था, जहां भारत ने रोमांचक जीत दर्ज की। लेकिन यह मैच सिर्फ क्रिकेट का मैदान नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक रणनीति का केंद्र बन गया। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मैच को देखने वालों को 'देशद्रोही' करार देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका गुस्सा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की कथित नरमी पर केंद्रित है। ठाकरे ने इसे 'राष्ट्रभक्ति का व्यापार' बताते हुए बहिष्कार का आह्वान किया, जो विपक्षी दलों के एकजुट मोर्चे का हिस्सा बन गया।
विपक्ष का एकजुट आक्रोश
बता दें, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना (UBT) ने पूरे महाराष्ट्र में 'सिंदूर रक्षा अभियान' शुरू किया। महिलाएं सड़कों पर उतरीं, हर घर से सिंदूर भेजने का संकल्प लिया गया। सांसद संजय राउत ने इसे 'शहीदों के अपमान' बताया और कहा 'पहलगाम में 26महिलाओं का सिंदूर मिटा दिया गया, और हम दुबई में पाकिस्तान से क्रिकेट खेल रहे हैं? यह व्यापार है, राष्ट्रभक्ति नहीं।'
उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने BCCI पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा मैच अभी भी बहिष्कार किया जा सकता है। BCCI को साबित करना चाहिए कि वह भारत का है, न कि पैसे का गुलाम।' विपक्षी दलों ने इसे 'दोगला रवैया' करार देते हुए कहा, खासकर जब लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया। ठाकरे ने कहा 'सेना के लिए सोलर टेंट बनाने वाले वांगचुक को एंटी-नेशनल कहा जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना ठीक है? सच्चे देशभक्त मैच न देखें, कंपनियां विज्ञापन न दें।'
सरकार ने क्या कहा?
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार और बीजेपी ने विपक्ष के हमलों को खारिज करते हुए कहा कि क्रिकेट और आतंकवाद 'दो अलग-अलग मुद्दे' हैं। BCCI ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलता, केवल ICC या एशियाई क्रिकेट काउंसिल के आयोजनों में। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा 'क्रिकेट खेलना राष्ट्रीय हितों से अलग है। हम आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा चुके हैं।'
शिवसेना (शिंदे गुट) ने उद्धव गुट पर पलटवार किया। मंत्री नितेश राणे ने आदित्य ठाकरे पर तंज कसा 'वह बुरका पहनकर मैच देखने चले जाएंगे, कोई पहचानेगा नहीं।' उन्होंने कांग्रेस शासनकाल का हवाला दिया, जब तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद मैच खेले गए। बीजेपी ने इसे 'वोटबैंक की राजनीति' बताते हुए कहा कि विपक्ष हमेशा सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देता है।
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