
ASSEMBLY BY ELECTION 2025: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है। वैसे ही सियासी हलचल तेज़ हो गई है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाने हैं। बता दें, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद के जीतने के बाद रिक्त इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने उनके ही बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच अब सीधा मुकाबला होगा।
सपा और भाजपा की प्रतिष्ठा का सवाल
समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों ही पार्टीयों के लिए अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट की चुनावी लडाई में एक नई बहस छिड़ गई है। क्योंकि अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी मिल्कीपुर सीट को किसी भी सूरत में नहीं गंवाना चाहती है। सपा ने मिल्कीपुर सीट पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए अजीत प्रसाद को चुनाव में उतारा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने 2022 में चुनाव लड़ने वाले बाबा गोरखनाथ की जगह चंद्रभान पासवान पर दांव खेला है।
लोकल बनाम बाहरी की बहस हुई तेज
फिलहाल सियासी पाराहाई होने का कारण उपचुनाव में लोकल बनाम बाहरी की बहस सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद के दिए एक बयान से छिड़ गई है। अजीत प्रसाद ने नामांकन से पहले पत्रकारों से बात-चीत के दौरान उपचुनाव की लड़ाई को लोकल बनाम बाहरी की फाइट बताया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास तो कोई उम्मीदवार ही नहीं था। इसलिए बीजेपी ने बाहर से लाकर किसी को प्रत्याशी बनाया है। साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी की जीत का दावा करते हुए कहा कि अब बाहर और घर की लड़ाई है। और इस लड़ाई में हमारी तैयारी पूरी है।
मिल्कीपुर का उपचुनाव पर देश भर की नजरें
सपा पार्टी अजीत प्रसाद के इस बयान के बाद सियासत में हल-चल तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान अयोध्या जिले के ही निवासी हैं। फिर सपा पार्टी के उम्मीदवार ने उन्हें बाहरी किस आधार पर कह रहे है। बता दें, चंद्रभान का घर रुदौली विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। साथ ही चंद्रभान पासवान रुदौली से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। इस कारण ही सपा के नेता बाहर बनाम घर की शक्ल देने की कोशिश कर रहे है। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव पर यूपी की जनता की निगाहें के साथ देश भर की नजरें टिकी हुई हैं।
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