
UP Assembly By-Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान बहुजन समाज पार्टी (BSP) में विवाद गहरा गया है। पार्टी हाईकमान ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मेरठ मंडल के प्रभारी प्रशांत गौतम, जिला प्रभारी दिनेश काजीपुर और महावीर प्रधान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले भी इन नेताओं पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब इन्हें फिर से पार्टी से बाहर किया गया है।
प्रशांत गौतम ने आरोप लगाया है कि उन्हें और उनके दो सहयोगियों को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली के बेटे की शादी में शिरकत करने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया। गौतम का कहना है कि पार्टी के पीए मेवालाल गौतम ने उन्हें शादी समारोह में न जाने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने पारिवारिक रिश्तों के चलते इस समारोह में हिस्सा लिया। उनका यह भी कहना है कि शादी में समाजवादी पार्टी (SP) से कोई नेता शामिल नहीं हुआ था, फिर भी उन्हें पार्टी से बाहर किया गया।
पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई
बसपा के जिलाध्यक्ष मोहित जाटव ने कहा कि इन तीनों पदाधिकारियों को बार-बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। इसके बाद पार्टी ने इन्हें निष्कासित करने का निर्णय लिया, ताकि पार्टी के हितों की रक्षा की जा सके।
उपचुनाव में बसपा की रणनीति और चुनौती
उत्तर प्रदेश में 20नवंबर को नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। बसपा ने इन सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इस चुनाव में आजाद समाज पार्टी (आसपा) और अन्य दलों द्वारा बसपा के पारंपरिक दलित वोट बैंक पर हमला किया जा रहा है। इसके अलावा भाजपा और सपा भी इस वोट बैंक को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
बसपा का शीर्ष नेतृत्व उपचुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय है। पार्टी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए मंडल कोऑर्डिनेटर और जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी प्रमुख खुद सभी नेताओं और प्रत्याशियों की गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न हो।
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