
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने यह कदम तब उठाया जब सागर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से अपने बेटे की शादी की। त्रिभुवन दत्त, जो पहले बसपा से जुड़े थे, अब सपा के विधायक हैं।
अनुशासनहीनता का आरोप
सुरेंद्र सागर के अलावा, रामपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी पार्टी से हटा दिया गया है। दोनों पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। हालांकि, सुरेंद्र सागर का कहना है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की और यह केवल एक व्यक्तिगत मामला था। उनके समर्थक भी यही दावा कर रहे हैं कि इस शादी का राजनीतिक मेलजोल से कोई संबंध नहीं था।
बसपा ने प्रमोद सागर की जगह ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि पार्टी अपनी अनुशासन नीति को सख्त बनाने की कोशिश कर रही है।
कोई भी बगावत बर्दाश्त नहीं
सुरेंद्र और प्रमोद सागर की बर्खास्तगी बसपा के भीतर अनुशासन को लेकर कड़े कदमों का हिस्सा है। इससे पहले, नवंबर में पार्टी ने मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने पर पूर्व मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को भी पार्टी से बाहर किया था। पार्टी को यह चिंता थी कि इस शादी में सपा के नेता भी शामिल हो सकते हैं, जिससे पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ सकता था।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बसपा अपनी अनुशासन नीति को सख्त तरीके से लागू कर रही है और किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत या राजनीतिक गठबंधन को नकार रही है, खासकर जब वह सपा जैसे दल से जुड़ा हो।बसपा के नेताओं का कहना है कि पार्टी किसी भी प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधियों या राजनीतिक मेलजोल को बर्दाश्त नहीं करेगी। भविष्य में भी पार्टी अपनी अनुशासन नीति को सख्त कर सकती है, ताकि किसी भी प्रकार की बगावत को रोका जा सके।
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