21 दिन पहले भाजपा में शामिल हुए इन पार्षदों की हुई AAP में घर वापसी, मेयर चुनाव के बाद बदला था पाला

21 दिन पहले भाजपा में शामिल हुए इन पार्षदों की हुई AAP में घर वापसी, मेयर चुनाव के बाद बदला था पाला

AAP Councilors Returned: चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए तीन पार्षदों में से दो की घर वापसी हो गई है। दोनों पार्षद दोबारा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 18फरवरी को पूनम देवी गुरुचरण काला और नेहा मुसावत बीजेपी में शामिल हो गई, जिनमें से पूनम और नेहा फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई हैं। ये तीनों पार्षद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि पार्षदों को पूरा सम्मान और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

बीजेपी को लगा था बड़ा झटका

तीन पार्षदों के दलबदल के बाद नगर निगम में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्षदों की संख्या 20से घटकर 17रह गई है। हालांकि, बीजेपी को उस समय बड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव का फैसला इंडिया ब्लॉक के पक्ष में सुनाया। इसके बाद वह पहली बार भारत ब्लॉक के मेयर पद पर काबिज हुए। हालांकि, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव में पार्षदों के पाला बदलने का फायदा बीजेपी को मिला।

SC ने लगाई थी फटकार

चंडीगढ़ के मेयर पद के लिए गत 30जनवरी को चुनाव हुआ था। कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और आप की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और मतपत्रों को सील करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था, 'सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि उन्होंने (पीठासीन अधिकारी) मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

क्या हुआ 30 जनवरी को

30जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सांसद किरण खेर द्वारा वोट डालने के बाद वोटों की गिनती शुरू हुई।  बीजेपी को 16 वोट मिले, जबकि कांग्रेस और आप गठबंधन को 20वोट मिले, लेकिन पीठासीन अधिकारी ने उनके 8वोट रद्द कर दिए और 16पार्षदों ने बीजेपी की जीत घोषित कर दी। इसके बाद आप और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन का इस्तेमाल करते नजर आ रहे थे। इस वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया था।

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