दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ी मुस्लिमों की आबादी, जानें हिंदू, ईसाई और अन्य धर्मों की क्या है स्थिती?

Religious Population: हाल ही में प्यू रिसर्च सेंटर की एक ताजा रिपोर्ट ने वैश्विक जनसंख्या के रुझानों को लेकर महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। इसके अनुसार इस्लाम धर्म को मानने वालों की आबादी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि 2070 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन सकता है। जो ईसाई धर्म को पीछे छोड़ देगा। वहीं हिंदू और अन्य धर्मों की आबादी भी बढ़ रही है। लेकिन उनकी वृद्धि दर मुस्लिम आबादी की तुलना में कम है।
मुस्लिम आबादी में तेज वृद्धि
प्यू रिसर्च सेंटर की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार 2015 से 2060 के बीच मुस्लिम आबादी 70% की वृद्धि के साथ 1.8 अरब से बढ़कर 3 अरब तक पहुंच सकती है। भारत में भी मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ थी। जो कुल जनसंख्या का 14.2% थी। अनुमान है कि 2050 तक यह 31 करोड़ से अधिक हो जाएगी। जिसके बाद भारत दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन सकता है। जो वर्तमान में इंडोनेशिया है।
हिंदू आबादी की स्थिति
हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी 15% है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में हिंदू आबादी 96.63 करोड़ थी। जो कुल जनसंख्या का 79.8% थी। 1951 से 2011 के बीच हिंदू आबादी में 218% की वृद्धि हुई, लेकिन यह मुस्लिम आबादी की 386% वृद्धि से कम थी। प्यू रिसर्च के अनुमान के मुताबिक0 2050 तक भारत में हिंदू आबादी 1.3 अरब होगी। जो कुल जनसंख्या का 77% होगी। हालांकि, कुछ देशों जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू आबादी में कमी देखी जा रही है।
ईसाई और अन्य धर्मों का हाल
ईसाई धर्म वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है। जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी 31.6% है। 2060 तक ईसाई आबादी 34% बढ़कर 2.3 अरब से 2.91 अरब हो सकती है। भारत में ईसाई आबादी 2.78 करोड़ (2.3%) है। जो 2050 तक 2.3% पर स्थिर रहने का अनुमान है। सिख आबादी में 235% और बौद्ध आबादी में मामूली वृद्धि देखी गई है। जबकि जैन और पारसी आबादी में कमी आई है।
प्रजनन दर और सामाजिक कारक
मुस्लिम आबादी की तेज वृद्धि का मुख्य कारण उच्च प्रजनन दर है। भारत में मुस्लिम महिलाओं की औसत प्रजनन दर 2.3 है। जबकि हिंदू महिलाओं की 1.9 है। हालांकि दोनों समुदायों में प्रजनन दर में कमी देखी जा रही है। शिक्षा और आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ शिशु मृत्यु दर में कमी भी इस वृद्धि में योगदान दे रही है। वैश्विक जनसंख्या के रुझान बताते हैं कि धार्मिक संरचना में बदलाव हो रहा है। भारत में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हिंदू बहुसंख्यक बने रहेंगे। यह बदलाव सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक कारकों का परिणाम है।
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