
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा के सफल संचालन और नकल रहित बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। जिलों में सिटी कॉर्डिनेटर भी नियुक्त किये जा चुके हैं। साथ ही, प्रत्येक जिला के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा ऑबजर्वर भी नियुक्त किये गए हैं, जो परीक्षा को नकल रहित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। ये ऑबजर्वर हरियाणा राज्य के बाहर के ही होंगे।
मुख्य सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ सीईटी परीक्षा के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में आईएएस या एचसीएस अधिकारियों के नेतृत्व में आज शाम तक फ्लाइंग स्कवॉड टीमें गठित करें। उन्होंने कहा कि यह टीमें परीक्षा से पूर्व और परीक्षा के दिनों में हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखें।
सीईटी परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को हरियाणा रोडवेज में मिलेगी मुफ्त यात्रा की सुविधा
उन्होंने कहा कि 5 और 6 नवंबर को सीईटी परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और वापसी के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। महिला परीक्षार्थियों के साथ एक परिवारिक सदस्य को भी परीक्षा केन्द्र तक लाने और वापसी के लिए भी मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी। सहायक अपने परिवार पहचान पत्र को दिखाकर ही इस सुविधा का लाभ ले पाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षार्थियों को नजदीकी उपमण्डलीय बस अड्डे अथवा नजदीकी जिला स्तरीय बस अड्डे से परीक्षा केन्द्र के नजदीकी उपमंडलीय बस अड्डे अथवा जिला स्तरीय बस अड्डे तक पहुंचाने व वापस लाने की व्यवस्था परिवहन विभाग द्वारा की गई है। इस व्यवस्था के लिए हरियाणा सरकार करीब 13,700 बसों का प्रबंध करेगी। हरियाणा राज्य परिवहन की लगभग सभी साधारण बसें इस व्यवस्था के लिए प्रयोग में लाई जाएंगी। एक जिले से दूसरे जिले तथा एक उपमण्डल से दूसरे उपमंडल तक कुल 82 रूट चिह्नित किए जा चुके हैं।
कौशल ने जिला स्तर पर उपमण्डलीय बस अड्डे अथवा जिला स्तरीय बस अड्डे से परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने व वापस लाने की व्यवस्था हेतू जिलों मे शटल रूट चिह्नित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, शहरों के अंदर आवागमन सुविधा के लिए ऑटो रिक्शा युनियनों के साथ भी बैठक कर उनका सहयोग लेने के संबंध में चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए विभिन्न रेलों की समय सारिणी भी प्रदर्शित की जाएगी, ताकि अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए आने-जाने हेतू ट्रेन का उपयोग करने में कोई परेशानी न हो।
फीस स्टेटस पैंडिंग होने पर भी दी जा सकेगी परीक्षा
कौशल ने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा पंजीकरण के समय फीस का भुगतान तो किया गया था और ई-ग्रास पर भी उनका फीस का भुगतान वैरिफाइड दिखा रहा है परंतु किसी तकनीकी कारणों से उनकी फीस का स्टेटस हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के डाटाबेस में दर्ज नहीं हो पाया। ऐसे अभ्यर्थियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ऐसे अभ्यर्थियों के लिए प्रोविजनल एडमिट कार्ड देने के लिए परीक्षा केंद्रों पर अलग से काउंटर की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे अभ्यर्थी अपने साथ फोटोयुक्त पहचान पत्र अवश्य लेकर आएं और उनकी पहचान सत्यापित करने के बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्रों में जाने की अनुमति दी जाएगी। बशर्ते अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों पर अपनी शिफ्ट के समय से 1 घंटा जल्दी पहुंचे ताकि उन्हें प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी किए जा सकें।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थी, जिनके एडमिट कार्ड पर फोटो मिसमैच की गड़बडिय़ां सामने आई हैं, उनके लिए भी परीक्षा केंद्रों पर अलग से काउंटर और लाइन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परिवहन प्लान पुलिस अधीक्षकों और रोडवेज महाप्रबंधकों के साथ भी साझा किया जाए। साथ ही, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से रूट प्लान के बारे में व्यापक प्रचार - प्रसार किया जाए।
स्क्राइब को लाना होगा पहचान पत्र
बैठक में स्पष्ट किया गया कि दिव्यांग अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड पर स्व:घोषित डेक्लारेशन परफोर्मा दिया गया है और जिस अभ्यर्थी को स्क्राइब (पेपर लिखने वाला व्यक्ति) की सुविधा की आवश्यकता है, वे इस परफोर्मा को भरेंगे और अपने साथ ऐसे व्यक्ति को लेकर आएंगे। बशर्ते की स्क्राइब सीईटी परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से भी नीचे की शैक्षिणक योग्यता वाला ही हो तथा स्क्राइब अपने साथ फोटोयुक्त पहचान पत्र साथ लेकर आए।
अभ्यर्थियों व उनके परिजनों के लिए ठहरने की होगी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों व उनके साथ आने वाले परिजनों के रहने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिशा-निर्देश दिए हैं कि परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों एवं उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए संपूर्ण व्यवस्था की जाए। जिलों में धर्मशालाएं चिह्नित कर ली गई हैं और सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ भी समन्वय स्थापित कर संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
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