पाक का 'आतंकी प्रेम' बेनकाब! क्या सलमान आगा अपनी मैच फीस से करेंगे मसूद अजहर के परिवार की मदद?

पाक का 'आतंकी प्रेम' बेनकाब! क्या सलमान आगा अपनी मैच फीस से करेंगे मसूद अजहर के परिवार की मदद?

Asia Cup Final: दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 28सितंबर को एशिया कप 2025का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच एक रोमांचक जंग साबित हुआ, जहां तिलक वर्मा की नाबाद 69रनों की पारी ने भारत को 5विकेट से जीत दिलाई। लेकिन मैदान के बाहर का ड्रामा इससे कहीं ज्यादा तीखा था। पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा ने हार के बाद एक ऐसा बयान दिया, जिसने पूरे खेल जगत को हिलाकर रख दिया। आगा ने कहा कि पूरी टीम अपनी मैच फीस उन नागरिकों और बच्चों को दान करेगी, जो हाल के 'भारतीय हमलों' में मारे गए।

यह बयान सीधे ऑपरेशन सिंदूर की ओर इशारा करता है, जो अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने लॉन्च किया था। उस हमले में 26निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, जिसे पाकिस्तान प्रायोजित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे गुटों से जोड़ा गया। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर सहित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100से ज्यादा आतंकी ढेर हो गए। खबरें बताती हैं कि जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10-14सदस्य भी मारे गए। आगा का यह ऐलान सवाल खड़ा करता है कि क्या पाकिस्तानी क्रिकेटर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी परिवारों का समर्थन कर रहे हैं?

हैंडशेक से इनकार: खेल भावना पर सियासी साया

मैच के बाद का विवाद और गहरा हो गया जब दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने हैंडशेक तक नहीं किया। एसीसी चेयरमैन मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर भी हैं, से ट्रॉफी लेने से भारतीय टीम ने साफ इनकार कर दिया। नकवी ट्रॉफी और मेडल्स लेकर चले गए, जिस पर बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कड़ी नाराजगी जताई। सैकिया ने इसे 'अस्पोर्ट्समैनशिप' करार देते हुए कहा कि भारत ने ट्रॉफी न लेने का फैसला खुद लिया, लेकिन नकवी का ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। हम आईसीसी कॉन्फ्रेंस में इसका विरोध करेंगे। आगा ने इसे 'क्रिकेट का अपमान' बताते हुए मायूसी जताई।

उन्होंने कहा, 'भारत ने हैंडशेक न करके और ट्रॉफी न देकर न सिर्फ हमारी बेइज्जती की, बल्कि खेल की आत्मा को ठेस पहुंचाई। अगर बाकी टीमें ऐसा करेंगी तो खेल की सीमाएं कहां रहेंगी? बच्चे इससे क्या सीखेंगे?' आगा ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस स्किप करने और उनके चेयरमैन के ट्वीट पर सवालों का जवाब देते हुए काउंटर दिया, 'इसे शुरू किसने किया? हैंडशेक से इनकार और प्रोटोकॉल तोड़ना सही था क्या? ये सवाल उस टीम से पूछो जिसने आग लगाई।' इस बीच, पाकिस्तानी खिलाड़ी सीधे ड्रेसिंग रूम चले गए, जिससे समारोह में देरी हुई।

सूर्या का साहस: फीस सेना को, ट्रॉफी पर उदासीनता

भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस पूरे टूर्नामेंट की मैच फीस भारतीय सेना को दान करने का ऐलान कर सबको प्रभावित किया। उन्होंने कहा, 'व्यक्तिगत रूप से मैं अपनी सारी फीस सेना को दूंगा, जो देश की रक्षा में डटी रहती है।' ट्रॉफी न मिलने पर सूर्या ने कहा, 'हमने टीम के तौर पर फैसला लिया कि नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे। कोई दबाव नहीं था, लेकिन जीतने वाली टीम का हक बनता है। फिर भी, हमारा फोकस जीत पर था, जो हमें मिली।' सूर्या ने जोर देकर कहा कि टूर्नामेंट में अनबीटन रहना ही असली ट्रॉफी है। यह घटना क्रिकेट को सियासत की भेंट चढ़ाने का उदाहरण बन गई, जहां खेल मैदान पर मैत्री की बजाय पुरानी कटुता हावी हो गई। भारत की नौवीं एशिया कप ट्रॉफी पर जश्न तो हुआ, लेकिन विवादों ने इसकी चमक फीकी कर दी।

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