
Maa Skandamata: चैत्र नवरात्रि का आज पांचवां दिन है। इस दिन मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। मां स्कंदमाता की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इन्हें अत्यंत दयालु माना जाता है। ऐसा कहा जाचा है कि सच्चे मन से मां स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं स्कं।दमाता की पूजा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना भी पूरी होती है।
कैसा है मां स्कंदमाता का स्वरूप?
मां स्कंदमाता को अत्यंत दयालु माना जाता है। इनकी चार भुजाएं होती हैं। ये एक हाथ में भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय को गोद में धारण किए रहती हैं। वहीं, दूसरे हाथ में कमल का फूल, तीसरा हाथ आशीर्वाद मुद्रा में और चौथा हाथ वर मुद्रा में होता है। माता का वाहन सिंह है। इसके अलावा माता हमेशा कमल पर विराजमान रहती हैं।
पूजा विधि
मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए मां को कुमकुम,अक्षत,पुष्प,फल चढ़ाएं। इसके बाद उन्हें चंदन लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इसी के साथ देवी के मंत्रों का जाप करें।
मां स्कंदमाता का भोग
मां स्कंदमाता को दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा देवी स्कंदमाता को केला बहुत पसंद है।
मां स्कंदमाता का मंत्र
ऊं देवी स्कन्दमातायै नम:
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
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