
Ganesh Chaturthi: आज 27 अगस्त 2025 से गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुरू हो गया है, जो अनंत चतुर्दशी, 6 सितंबर तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह दस दिवसीय उत्सव भगवान गणेश के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। घर-घर में बप्पा की स्थापना के साथ मंत्रोच्चार और भजनों की गूंज शुरू हो चुकी है। विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा पाने के लिए भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना में जुट गए हैं। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उमंग लाता है, बल्कि एकता और समृद्धि का संदेश भी देता है। गणेश जी की मूर्तियों से सजे मंडप और भक्ति रस में डूबे भक्त इस उत्सव को और भी रंगीन बना रहे हैं।
बप्पा के आगमन पर इन चीजों से करें परहेज
गणेश पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी को तुलसी पत्र अर्पित करना निषिद्ध है। कथा है कि तुलसी माता ने गणेश जी से विवाह का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया। तब से तुलसी पत्र गणेश पूजा में वर्जित है। इसके अलावा, केतकी के फूल और काले रंग की वस्तुएं, विशेष रूप से काले तिल, भगवान गणेश को नहीं चढ़ाने चाहिए, क्योंकि यह यम का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, टूटे हुए अक्षत (चावल) का प्रयोग भी अशुभ है, इससे बप्पा रुष्ट हो सकते हैं। भक्तों को चाहिए कि वे शुद्ध और पवित्र सामग्री से ही बप्पा की आराधना करें।
शुभ मुहूर्त में करें स्थापना, बप्पा की कृपा पाएं
गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त आज सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 1:39 बजे से शाम 6:05 बजे तक रहेगा। इस समय में विधि-विधान से गणेश जी की स्थापना करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है। आइए, इस गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता के चरणों में शीश झुकाएं और उनके आशीर्वाद से जीवन को मंगलमय बनाएं। !!गणपति बप्पा मोरया!!
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