2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था। ट्रंप की जीत के बाद उन्हें डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख नियुक्त किया गया, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती और दक्षता बढ़ाना था। हालांकि, मस्क के सख्त कॉस्ट-कटिंग उपायों और ट्रंप प्रशासन के कुछ नीतिगत फैसलों, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर टैक्स सब्सिडी खत्म करने के निर्णय, ने दोनों के बीच दरार पैदा कर दी।
बिल पर बवाल
5 जून 2025 को ट्रंप ने मस्क की आलोचना करते हुए कहा कि वह 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' से निराश हैं, क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी खत्म करता है, जो टेस्ला के लिए नुकसानदायक है। ट्रंप ने दावा किया कि मस्क को इस बिल के प्रावधानों की पहले से जानकारी थी। जवाब में मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पलटवार करते हुए कहा, "मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते, डेमोक्रेट्स सदन पर कब्जा कर लेते और रिपब्लिकन की सीनेट में 51-49 सीटें होतीं।" इस बयान ने विवाद को और हवा दिया।
टेस्ला पर असर
ट्रंप और मस्क के बीच इस तकरार का सीधा असर टेस्ला के शेयरों पर पड़ा। गुरुवार को टेस्ला के शेयरों में 9% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। जिससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। जानवरों का मानना है कि यदि यह तनाव बढ़ता है तो इसका असर मस्क के अन्य व्यवसायों जैसे स्पेसएक्स, न्यूरालिंक और X पर भी पड़ सकता है।
भारत पर प्रभाव
मस्क की भारत में टेस्ला की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना भी ट्रंप के दबाव में ठंडे बस्ते में चली गई है। केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने खुलासा किया कि टेस्ला अब भारत में केवल शोरूम खोलने पर विचार कर रही है न कि उत्पादन इकाई स्थापित करने पर। यह भारत के लिए निराशाजनक है। जो लंबे समय से टेस्ला को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा था।
मस्क ने हाल ही में DOGE के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ट्रंप ने उनके लिए व्हाइट हाउस में विदाई समारोह आयोजित किया था। लेकिन, अब दोनों के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में अनिश्चितता पैदा कर रहा है। जानवरों का कहना है कि यह तकरार ट्रंप की नीतियों और मस्क के कारोबारी हितों के बीच टकराव को दर्शाती है।
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