
नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि का आज नौवां दिन है। मां दुर्गा का आखिरी दिन है। आज शारदीय नवरात्रि के आखिर दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।आज दुर्गा अष्टमी की भी पूजा की जा रही है। हालांकि कई जगहों पर दुर्गा अष्टमी का व्रत 10 अक्टूबर को भी रखा गया था। पंचांग के अनुसार आज अष्टमी तिथि दोपहर 12:06 बजे तक है. उसके बाद से नवमी तिथि लग जाएगी।
आज के दिन अष्टमी की देवी मां महागौरी और नवमी की देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।इस दिन मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजा करने के बाद हवन किया जाता है। देवी सिद्धिदात्रीकी पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन लोग अष्टमी की तरह कन्या को भोजन करवाया जाता है।
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
मां को सच्चे मन से पूजने वाले को मां की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता, उन्नति और तरक्की मिलती है। मोक्ष का मतलब होता है हर मुसीबत से छुटकारा पाना। जो कोई भी उनकी पूजा करता है उसकी गोद हमेशा भरी रहती है। दुर्गा मां के नौवें रूप देवी सिद्धिदात्री को पीले या सफेद वस्त्र में सुहाग का सामान जैसे, लाल चूड़ी, महावर, लाल बिंदी, नेलपेंट, सेब और लाल फूल बांधकर चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
देवी सिद्धिदात्री की वमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद नवमी के दिन मां भगवती के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां को फल, फूल, पान, सुपारी अक्षत और सिंदूर अर्पित करें और हवन करने के बाद कन्या पूजन करें। कन्या पूजन में नौ कन्याओं और एक लंगूर को भोजन करवाएं।
मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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