हमास और इजरायल के युद्ध के बीच हुआ बड़ा खुलासा, 2 साल से आतंकी साजिश कर रहे थे हमास के हैकर्स

हमास और इजरायल के युद्ध के बीच हुआ बड़ा खुलासा, 2 साल से आतंकी साजिश कर रहे थे हमास के हैकर्स

Israel–Hamas War: हमास और इजरायल का युद्ध जारी है। अब तक 1300 से भी ज्यादा इजरायली लोगों और सैनिकों की जान भी जा चुकी है। इसी बीच बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, हमास करीब दो साल से इजरायल पर अटैक की तैयारी कर रहा था साथ ही इसके लिए फंड भी इकट्ठा कर रहा था। साथ ही ये भी खुलासा हुआ कि हमास के निशाने पर भारत भी था।     

 दरअसल, हमास के हैकर्स अपने आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए दो साल से पूरी दुनिया से फंड इकट्ठा कर रहे थे। ये फंड ई-वॉलेट के जरीए इकट्ठा किया जा रहा था।  वहीं हैकर्स के निशाने पर दिल्ली के पश्चिम विहार के रहने वाले एक करोबारी भी आ गए। उनके क्रिप्टो करेंसी वॉलेट से करीब 30लाख रुपये की सेंधमारी की गई थी। तब जाकर दिल्ली पुलिस के तत्कालीन DCP (IFSO यूनिट) केपीएस मल्होत्रा की अगुवाई में पूरे मामले की शुरू हुई  और स्पेशल सेल ने पैसा रिसीव करने वाले कुछ वॉलेट का पता भी लगा लिया था, लेकिन यूजर तक नहीं पहुंच पाई थी।

इजरायली खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी

इसी दौरान इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने भारत को, आतंकियों द्वारा संचालित कुछ संदिग्ध ई-वॉलेट की जानकारी दी थी। बाद में इस बात की तस्दीक इजरायल के नेशनल ब्यूरो फ़ॉर काउंटर टेरर फाइनेंसिंग ने भी की थी और उस एकाउंट को काउंटर टेरर यूनिट ने फ्रीज कर दिया था। यह अकाउंट हमास के कमांडर मोहम्मद नासिर इब्राहिम अब्दुल्ला के नाम पर था।

433 क्रिप्टो करेंसी ई-वॉलेट किए गए फ्रीज

जांच में ये भी खुलासा हुआ कि कुछ ऐसे ही वॉलेट गाज़ा में अहमद मरजूक और फिलिस्तीन में एक अन्य क्रिप्टो करेंसी वॉलेट अहमद क्यू. एच. सफी के नाम से चलाए जा रहे थे, जिनमें टेरर फंडिंग की मोटी रकम आ रही थी। बाद में जाकर इजराइल की टेरर काउंटर यूनिट ने खुलासा किया था कि ये सभी एकाउंट हमास के कमांडर ऑपरेट कर रहे थे। अलग-अलग ई वॉलेट से पैसा हमास की मिलिट्री विंग के कमांडरों के वॉलेट में जा रहा था, जिससे आतंकी साजिश को अंजाम दिया जाना था। इजरायल की लाहव पुलिस ने करीब 433 क्रिप्टो करेंसी ई-वॉलेट फ्रीज किये थे, जिनमें हमास के आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए चंदे के रूप में टेरर फंड इकट्ठा किया जा रहा।

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