Mahashivratri 2025: सोने से लेकर चांदी और मिट्टी के शिवलिंग का महत्व, जानें किसके पूजन से मिलेगा कौन-सा फल?

Mahashivratri 2025: सोने से लेकर चांदी और मिट्टी के शिवलिंग का महत्व, जानें किसके पूजन से मिलेगा कौन-सा फल?

Mahashivratri 2025: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा की जाती हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। लेकिन क्या आप जानते है कि महाशिवरा​त्रि के दिन अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करने भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करने से अलग-अलग फल की प्राप्ति होती है।

सोने का शिवलिंग

महाशिवरात्रि के दिन सोने से बने शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसके अलावा घर में धन, सुख-समृद्धि का वास होता है। सोने के शिवलिंग को वैभव और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

चांदी का शिवलिंग

महाशिवरात्रि के दिन चांदी से बने शिवलिंग की पूजा करने से आर्थिक दिक्कतें जल्द ही दूर होती हैं। इसके अलावा पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी इसे शुभ माना गया है। चांदी से बने शिवलिंग की पूजा करने से भोलेनाथ के साथ चंद्र देव की भी कृपा बनी रहती है। चांदी का शिवलिंग मानसिक शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

स्फटिक का शिवलिंग

महाशिवरात्रि के दिन स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। जीवन में सुख-शांति का वास होता है। इसके अलावा आर्थिक समस्या भी दूर होती है। स्फटिक का शिवलिंग आत्मिक उन्नति और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।

मिट्टी का शिवलिंग

मिट्टी से बने शिवलिंग को बहुत ज्यादा पवित्र माना गया है। ये धरती से जुड़ाव को दर्शाता है। महाशिवरात्रि के दिन मिट्टी से बने शिवलिंग की पूजा करने से दुश्मनों का नाश होता है। इसी के साथ हर कार्य में सफलता मिलती है। जीवन में स्थिरता और शांति बनी रहती है।

तांबे का शिवलिंग

तांबे को समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन तांबे से बने शिवलिंग की पूजा करने से लंबी उम्र प्राप्त होती है।

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