
Chhath Puja Fast 2025:छठ पूजा पूर्वोत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाले त्योहार है। इस दौरान व्रत रखने का भी विधान है, जिसमें महिलाएं 36 घंटे का निर्जल व्रत रखती है। व्रत के समाप्ति पर, विशेष रूप से सूर्य अर्घ्य और छठ मैया की पूजा के बाद, व्रत खोलना एक बेहद सावधानीभरा काम होता है, क्योंकि इतने घंटे भूखे रहने के बाद पाचन व ऊर्जा स्थिति अलग‑हो सकती है।
व्रत खोलते समय खाने योग्य सामान
व्रत खोलने का मतलब यह नहीं कि तुरंत भारी भोजन हो जाए, बल्कि धीरे‑धीरे, हल्के व पोषक आहार से शरीर को पुनर्स्थापित करना चाहिए।
1.फल व प्राकृतिक रस – जैसे केले, सेब, पपीता; ये पाचन के लिए हल्के होते हैं और पानी एवं विटामिन‑मिनरल की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
2.गुड़ व पानी में हल्का शक्कर मिलाकर पानी या गुनगुना पानी – लंबे व्रत के बाद रक्त‑शर्करा एवं ऊर्जा की कमी हो सकती है, इसलिए यह एक अच्छा प्रारंभिक विकल्प है।
3.चावल की खीर या हल्की दलिया / सादा चावल + दाल – पाचन के अनुकूल, ऊर्जा देने वाला विकल्प।
4.नारियल पानी / छाछ / हल्की दूध‑मिल्क की चीजें – निर्जल व्रत के बाद इलेक्ट्रोलाइट्स व पानी की कमी के लिए फायदेमंद।
5.परंपरागत प्रसाद‑वाले हल्के व्यंजन – जैसे ठेकुवा (गेहूं का आटा, गुड़, घी) व अन्य चावल‑जगरिया आधारित प्रसाद जो व्रत के दौरान तैयार होते हैं।
व्रती को बिल्कुल नहीं खानी चाहिए यह चीज़ें
1.तेल‑मसालेदार व तले‑भुने व्यंजन - बहुत भारी भोजन व तला‑भुना तुरंत खाने से पेट दर्द, सूजन या जी मचलने का खतरा होता है।
2.बहुत ज्यादा मीठा/शक्कर वाली चीज़ें जैसे बहुत अधिक लड्डू, केक, शीघ्र शक्कर‑स्पाइक के कारण बाद में कमजोरी या थकान हो सकती है।
3.पैक्ड/प्रोसेस्ड स्नैक्स - इनमें नमक, एडिटिव्स व भारी वसायुक्तता होती है जो व्रत के बाद शरीर को प्रभावित कर सकती है।
4.मांसाहारी, अंडा, प्याज‑लहसुन आदि “तामसिक” खाद्य — व्रत के दौरान एवं व्रत के तुरंत बाद आमतौर पर ये वर्जित या अनुशंसित नहीं माने जाते।
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