Reasi Terrorist Attack: पहले पहलगाम और अब रियासी..आखिर क्यों बार-बार आतंकी तीर्थयात्रियों को बना रहे निशाना?

Reasi Terrorist Attack: पहले पहलगाम और अब रियासी..आखिर क्यों बार-बार आतंकी तीर्थयात्रियों को बना रहे निशाना?

Reasi Terrorist Attack: रविवार को जम्मू कश्मीर केरियासी में पाकिस्तानी आतंकियों ने घात लगाकर शिवखोड़ी से कटरा आ रही तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कर दिया। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई तो वहीं 33 लोग घायल हो गए। इससे एक महीने पहले पहलगाम में भी सैलानियों की बस पर आतंकी हमला हुआ था।

उससे पहले मई 2022 में वैष्णो देवी जा रही तीर्थयात्रियों की बस में बम लगा दिया गया था जिसमें 4 मारे गए और 24 घायल हो गए थे। वहीं श्रद्धालुओं पर हमले की सबसे बड़ी घटना अगस्त 2000 में हुई थी जब अमरनाथ यात्रा के पड़ाव पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, इसमें 32 लोगों की मौत हुई थीं और 60 लोग गंभीर रूप से घायल थे। ऐसे में सवाल उठता है कि बार बार ये आतंकी तीर्थयात्रियों और सैलानियों को क्यों निशाना बना रहे हैं।

सोची समझी है साजिश

दरअसल, इसके पीछे इनकी सोची समझी साजिश है। वो चुन-चुनकर उन्हीं बसों या वाहनों पर हमला कर रहे हैं जो तीर्थयात्रियों के हैं। इससे ना वो ना सिर्फ डर का माहौल पैदा करना चाहते हैं इसके साथ ही वो केंद्र के इस दावे को गलत ठहराना चाहते हैं जहां ये कहा जा रहा है कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में टैरर की जगह टूरिज्म ने ले ली। उनकी ये कोशिश है कि एक बार फिर से देश में दब्बे वाला दशक लौट आए।

एकता को खत्म करना चाहते

 इसके साथ ही तीर्थयात्रियों पर हमले करके वो ये दिखाना चाहते हैं कि कि कश्मीर के स्थानीय लोग ही बाहरियों पर हमले करते हैं। ये एक तरह से सद्भाव को खत्म करने की कोशिश जैसा भी हैं। क्योंकि ये हमले नॉन कश्मीरियों पर किए जा रहे हैं।  अब जो ये रियासी में हमले हुए हैं उसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।

टैरर ग्रुप ने दी चेतावनी

 लश्कर से जुड़े टैरर संगठन ने साथ में चेतावनी दी कि वो और सैलानियों और नॉन-लोकल्स को नुकसान पहुंचाएगा। रही बात स्थानीय लोगों की तो वो इस संगठन के साथ ओवर ग्राउंड वर्कर की तरह जुड़े होते हैं, जिनका काम रेकी करना और जानकारी देना होता है। हमले का काम पाकिस्तान से ट्रेंड होकर आए आतंकी या चरमपंथी लोग ही करते आए हैं।  

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