ब्लिंकिट के डिलीवरी पार्टनर के साथ राघव चड्ढा ने किया लंच, कमाई और काम को लेकर की चर्चा

ब्लिंकिट के डिलीवरी पार्टनर के साथ राघव चड्ढा ने किया लंच, कमाई और काम को लेकर की चर्चा

Delhi News: हाल ही में एक ब्लिंकिट डिलीवरी पार्टनर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने भारत में गिग वर्कर्स यानी ऐप आधारित डिलीवरी और सेवा करने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें एक बार फिर चर्चा में आ गई। वीडियो में डिलीवरी पार्टनर ने बताया कि उन्होंने करीब 15 घंटे काम करने के बाद 28 डिलीवरी पूरी की, लेकिन उनकी कुल कमाई मात्र 763 रुपये रही।

इंस्टाग्राम पर बनाया Vlogs

ये वीडियो उनके इंस्टाग्राम अकाउंट Thapliyal Ji Vlogs पर किया। वीडियो में उन्होंने अपने रोजमर्रा के संघर्षों और मेहनत के मुकाबले कम आमदनी की कहानी विस्तार से बताई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों का ध्यान ऐप आधारित डिलीवरी और सर्विस प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले कर्मचारियों की हालत की ओर खींचा।

राघव चड्ढा तुरंत हुए एक्टिव

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस मामले पर तुरंत ध्यान दिया। उन्होंने पहले ही संसद के शीतकालीन सत्र में गिग वर्कर्स की कम मजदूरी, लंबे काम के घंटे और सामाजिक सुरक्षा की कमी को लेकर चिंता जताई थी। वीडियो वायरल होने के बाद चड्ढा ने डिलीवरी पार्टनर को अपने निवास पर दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया, जहां उन्होंने अपनी मुश्किलों और अनुभवों को विस्तार से साझा किया।

संसद में रखी थी ये बात

सांसद राघव चड्ढा ने संसद में कहा था कि हर दिन हम अपने मोबाइल ऐप पर एक बटन दबाते हैं और नोटिफिकेशन आता है – ‘आपका ऑर्डर रास्ते में है’। लेकिन इस नोटिफिकेशन के पीछे अक्सर एक ऐसा इंसान होता है जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने ज़ोमैटो, स्विगी, ओला, उबर, ब्लिंकिट, जेप्टो और अर्बन कंपनी जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले डिलीवरी पार्टनर और ड्राइवर का उदाहरण दिया।

उन्होंने आगे कहा कि आधिकारिक भाषा में इन्हें गिग वर्कर्स कहा जाता है, लेकिन मैं इन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के अदृश्य पहियों के रूप में देखता हूँ। इस वायरल वीडियो ने फिर से सवाल उठाए हैं कि क्या ऐप आधारित कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतन, काम के घंटे और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। वहीं आम लोगों में भी इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है।

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