
Qatar Indian Navy Officers: भारत को बड़ी कूटनीति जीत मिली है। जहां कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया जिन पर जासूसी के आरोप लगे थे और मौत की सजा सुनाई गई थी। इस रिहाई में भारत सरकार का बहुत बड़ा योगदान है सिर्फ कतर ही नहीं दुनिया के कई देशों में भारतीय अलग अलग आरोपों में जेल की सजा काट रहे हैं
पूर्व नेवी अफसरों के मामले में भारतीय दखल से ही उन्हें रिहाई मिली। जब इन नेवी अफसरों को फांसी की सजा सुनाई गई थी उस दौरान विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा था कि वो इस सजा को चुनौती देंगे। दरअसल, जैसे ही इंडियन मिशन को पता लगता है कि उसका कोई नागरिक विदेशी जेल में बंद कर दिया गया है, वो तुरंत एक्शन में आ जाते हैं। सबसे पहले स्थानीय प्रशासन के जरिए उससे संपर्क किया जाता है, और ये पता लगाया जाता है कि मामला असल में है क्या? इसके बाद उसके लिए वकील से लेकर जरूरी हो तो सरकार से बातचीत जैसे कदम उठाए जाते हैं।
भारत का 31 देशों से है करार
साल 2014 से लेकर अब तक कुल 4,597 भारतीय कैदियों को या तो रिहा कर दिया गया है, या उनकी सजा कम कर दी गई। ये वो आंकड़ा है, जिसमें बंदियों को सरकारी मदद मिली थी। वहीं इसके अलावा भारत ने 31 देशों के साथ एक करार किया है। ट्रांसफर ऑफ सेंटेंस्ड पर्सन्स (TSP) के तहत विदेशों में सजा पाने वाले भारतीयों को भारत लाया जा सकता है। ये करार इसलिए किया गया ताकि कैदियों को अपने यहां का माहौल और खानपान मिल सके, साथ ही वे वक्त-बेवक्त अपने परिवार से मिल भी सकें। भारत भी विदेशी कैदियों के साथ यही करता है। TSP केवल उन्हीं कैदियों पर लागू नहीं होता, जिन्हें फांसी की सजा मिली हो।
विदेशी जेलों में कितने कैद हैं इंडियंस
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटरनल अफेयर्स के जुलाई 2023 के रिकॉर्ड के अनुसार 90 देशों में 8,330 इंडियन प्रिजनर्स हैं। इसमें अपराधी साबित हो चुके लोगों के साथ वे भी हैं, जिनका ट्रायल चल रहा है। वैसे ये संख्या ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि कई देश ऐसे भी हैं, जो प्राइवेसी का हवाला देते हुए ये डेटा शेयर नहीं करते। इन साढ़े 8 हजार भारतीयों के बारे में चौंकाने वाली बात ये है कि इनका 55 प्रतिशत गल्फ देशों में कैद हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा भारतीय पड़ोसी देशों की जेलों में हैं। नेपाल, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार में कुल संख्या का लगभग 22 प्रतिशत कैद है। इसके अलावा वेस्टर्न देशों में भी भारतीय कैदी हैं, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है। फिलहाल 8 पूर्व नेवी अफसर जिनकी कतर ने रिहाई की है वो बेहद खुश हैं। ये उनके लिए पुनर्जन्म जैसा है। क्योंकि खाड़ी देश से भारतीयों को सुरक्षित निकालकर घर वापस लाने का ये मिशन आसान नहीं होता है।
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