PUNJAB: एक ऐसा स्कूल जिसकी क्लास होती है सड़क पर, जानें इस विद्यालय की खासियत

PUNJAB: एक ऐसा स्कूल जिसकी क्लास होती है सड़क पर, जानें इस विद्यालय की खासियत

संगरूर:  पंजाब के संगरूर में देश का एक पहला ऐसा स्कूल जो सड़क पर चलता है। आमतौर पर बच्चे स्कूल तक जाते हैं लेकिन पंजाब के संगरूर में स्कूल खुद बच्चों के घर तक जा रहा है। जिसकी शुरुआत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के अपने होम डिस्ट्रिक्ट से शुरू की गई है। इस स्कूल का आइडिया जिला प्रशासन का है उन्होंने उन सलम एरिया में रहने वाले झुग्गी झोपड़ियों मैं रहने वाले बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए इसकी शुरुआत की है

वहां बच्चे जो स्कूल आने लगे थे लेकिन बाद में स्कूल छोड़ दिया या फिर वह बच्चे जो कभी स्कूल गए ही नहीं क्या जिनका स्कूल में मन ही नहीं लग रहा था। उनके लिए जिला प्रशासन स्कूल ऑन व्हील्स नाम का एक प्रोजेक्ट लेकर आया जिसमें एक चलता फिरता स्कूल एक बस में तैयार किया गया है। जिसमें एक टीचर है दो आंगनवाड़ी वर्कर्स एक हेल्पर और 2वूमेन एंड चाइल्ड विभाग की ओर से अधिकारी रहता है बस एक चलता फिरता स्कूल है। जिसमें एक लाइब्रेरी है बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें हैं और बस को अंदर से इस तरीके से डिजाइन किया गया है जिसमें बेहद छोटे बच्चों को आराम से चित्रों के माध्यम से पढ़ाया जा सके बस में ही क्लास लगती है वह भी रोड पर चलते समय अध्यापक ब्लैक बोर्ड पर स्कूल के क्लास रूम की तरह ही बच्चों को पढ़ाते हैं बस हो गए 8:00बजे सलम एरिया में जाती है और वहां से बच्चों को बस में बिठाया जाता है और उसी वक्त से शुरू हो जाता है।

स्कूल ऑन व्हील्स स्कूल में 30बच्चे होते हैं और बच्चों के परिवार वाले भी बच्चों को स्कूल में जाने पर बेहद खुश हैं क्योंकि पहले बच्चे घर में रहते थे खास तौर पर जो बच्चे हैंजो  सलम एरिया में रहते हैं जहां फिर जो सड़कों पर भीख मांगते हैं उनके बच्चे हैं जिनकी रुचि स्कूलों की ओर नहीं थी स्कूल का टाइम टेबल इस हिसाब से सेट किया गया है सभी बच्चों को स्कूल बस  चलते फिरते स्कूल में बिठाकर रोड पर चलाया जाता है तं जो बच्चे बोर ना हो बच्चों को जैसा वह चाहते हैं वैसा माहौल दिया जाए हाईवे पर चलते हुए क्लास शुरु हो जाती है अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं बच्चे भी बड़ी खुशी से उनका सहयोग करते हैं क्योंकि उनको पहली बार ऐसा रोड पर चलता फिरता स्कूल मिला है उसके बाद हर रोज बच्चों को एक अलग जगह लेकर जाया जाता है जहां पर बच्चों को कुछ और सिखाया जाए आज जब हम स्कूल में बच्चों के साथ चल रहे थे तो आधे घंटे का सफर करने के बाद जाने के आधे घंटे का ON ROAD CLASS लगने के बाद बच्चों को एक फलों के बाग में ले जाया गया जहां पर हर तरह के फल लगे हुए थे जैसे जामुन नाशपाती आम नींबू जरी के बच्चों को ग्राउंड लेवल पर ले जाएगी अध्यापकों ने बड़े ही प्यार से बच्चों को समझाया की जय नाशपाती का पेड़ है

ऐसे नाशपाती जिसको आप आम तौर पर रेहड़ी पर देखते हो यह जामुन है या यूं कहें कि बच्चों तू कभी ऐसा माहौल मिला नहीं था तो वह बार-बार कह रहे थे कि दोबारा फिर से यही आएंगे अध्यापक भी खुश थे उसके बाद फिर उसी फलों के बगीचे में ही बच्चों को खाना दिया जाता है जो जिला प्रशासन खुद अपने तौर पर ले कर आता है दोबारा से फिर बस में क्लास शुरू हो जाती है और फिर बच्चे अपने अपने घरों के लिए निकल जाते हैं बस में हर सुविधा मौजूद है जैसे सीसीटीवी कैमरा बच्चे रोड पर चल रहे हैं जिस बस में स्कूल चल रहा है वो रोड पर चलने लायक है इसका बकायदा एक ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से रोड टेस्ट होकर एक सर्टिफिकेट लिया जाता है हुआ चुका है कि इस देश के पहले चलते फिरते स्कूल में ट्रांसपोर्ट विभाग वूमेन एंड चाइल्ड विभाग जिला प्रशासन अध्यापक आंगनवाड़ी विभाग सभी का मिलाजुला समेल है यह स्कूल ऑन व्हील्स हमने यह स्कूल बस का जायजा लिया कैसे बच्चों को शिक्षा की मौलिक अधिकार के साथ अनोखे तरीके से जोड़ा जा रहा है

 

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