Political Year Ender 2024: साल 2024 में सियासत की वो खबरें जिसने लाई भूचाल, नीतीश से लेकर केजरीवाल तक रहे चर्चा में

Political Year Ender 2024: साल 2024 में सियासत की वो खबरें जिसने लाई भूचाल, नीतीश से लेकर केजरीवाल तक रहे चर्चा में

Political Leader Remains In Limelight In 2024: साल 2024 खत्म होने वाला है। ये साल कई राजनीतिक घटनाओं का गवाह रहा है। इंडिया गठबंधन के गठन से लेकर लोकसभा तक की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। वहीं, अरविंद केजरीवाल का जेल जाना और नीतीश कुमार के वापस एनडीए में आने के फैसले ने हर किसी को चौंका दिया था। ऐसे में आईए जानते हैं साल 2024 के वो बड़े राजनीतिक घटनाक्रम जिसने नेताओं को लाइमलाइट में रखा।

राममंदिर के साथ लोकसभा चुनाव की चर्चा 

साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव की हलचल शुरू हो गई थी। राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के साथ विपक्षियों ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। विपक्षी दलों का कहना था कि ये राजनीतिक कार्यक्रम हैं और लोकसभा चुनाव को देखते हुए राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा किया जा रहा है। वहीं, राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक विश्लेषकों ने भी इसे भाजपा का मिशन बताया।

शिंदे गुट को शिवसेना का दर्जा 

जनवरी के मध्य में महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करने वाला एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। शिवसेना के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय हुआ। अयोग्यता का फैसला महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनाया, जिसका आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। जिसके बाद स्पीकर ने उद्धव गुट की दलीलें खारिज कर दीं और शिंदे गुट को असली शिवसेना माना।

नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी   

महीने के अंत में बिहार ने एक बार फिर नीतीश कुमार को गठबंधन बदलते देखा गया। नीतीश कुमार ने बिहार सीएम के पद से इस्तीफा देकर भाजपा के साथ नई सरकार बना ली। खास बात यह रही  भाजपा के खिलाफ जिस इंडिया गठबंधन का गठन किया गया था। उसके संयोजक नीतीश कुमार ही थे।

हेमंत सोरेन का इस्तीफा

जनवरी के अंत में ही झारखंड में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। अवैध जमीन घोटाले में फंसे हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के पद त्याग दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

भाजपा का 400 पार का नारा  

फरवरी महीने की शुरुआत में ही अपने तीसरे कार्यकाल की भविष्यवाणी करते हुए प्रधानमंत्री ने 'अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह नारा दिया था। साथ ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी।

अजित गुट को मिली पहचान

चुनाव आयोग ने अजित पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ही असली एनसीपी करार दिया था। छह महीने से अधिक समय तक चली 10से अधिक सुनवाई के बाद आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा कर दिया था।

सोनिया गांधी पहुंचीं राज्यसभा

फरवरी में राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने वाली सोनिया गांधी नेहरू-गांधी खानदान की तीसरी सदस्य बन गईं। इससे पहले खानदान से उमा नेहरू और इंदिरा गांधी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं।

पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने

4जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए जिसने एग्जिट पोल के अनुमानों को खारिज कर दिया। भाजपा बहुमत से दूर रह गई और 240सीटों मिली। वह एनडीए के सहयोगी दलों की मदद से 293 तक पहुंची। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 240 सीटों के साथ कड़ी टक्कर दी। वहीं,  नतीजों के बाद 9 जून को नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

ओडिशा में भाजपा सरकार

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर की जगह टीडीपी-भाजपा-जन सेना पार्टी के गठबंधन की सरकार बनी और चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री बने। ओडिशा में बीजू जनता दल की जगह भाजपा की सरकार बनी और मोहन चरण मांझी का मुख्यमंत्री बनाया गया।  

नायब सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री बने

हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे की बहुत चर्चा हुई। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा ने इतिहास रचा और हरियाणा के गठन के बाद पहली बार भाजपा ऐसी पार्टी बन गई जिसने लगातार तीसरी बार सत्ता में आई। वहीं, नायब सिंह सैनी दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। 

फडणवीस फिसे मुख्यमंत्री बने           

इस साल 23 नवंबर को महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद 11 दिनों तक मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर संशय बना रहा। उधर निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाराज होने की खबरें भी आती रहीं। मुंबई से दिल्ली तक के मंथन के बीच भाजपा ने तय किया कि उसके नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वहीं, 5 दिसंबर को फडणवीस ने तीसरी बार महाराष्ट्र की सत्ता की कुर्सी संभाली।

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