
Shanti Bill Passes From Parliament: लोकसभा ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्ष के विरोध के बीच 17 दिसंबर को मंजूरी प्रदान की। सरकार ने भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन विधेयक 2025 यानी shanti बिल को ऐतिहासिक करार दिया है। वहीं, विपक्ष दलों ने आरोप लगाया कि इसमें आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व का प्रावधान नही है।
परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा विधेयक पर चर्चा का जवाब दिए जाने के बाद सदन ने ध्वनिमत से बिल को पास कराया गया। सवालों का जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान है, जो पहले भी थे लेकिन, सत्ताधारी पार्टी का विरोध करने के चक्कर में विपक्षी सांसद बिल का विरोध कर रहे हैं।
जितेंद्र सिंह ने क्या कहा?
जितेंद्र सिंह ने कहा कि यदि हमने 2047 तक 100 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है तो पूरा करने में परमाणु क्षेत्र महत्वपूर्ण है। आज की दुनिया में अलग-थलग रहने का दौर नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हीं सुरक्षा उपायों को जारी रखा गया है जो प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय लागू किए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी, लेकिन सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है।
विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नेहरू के योगदान को स्वीकार करते हैं। हालांकि इसी बीच कांग्रेस, द्रमुक, सपा समेत कुछ विपक्षी दलों ने मंत्री के जवाब पर नाराजगी जताते हुए सदन से वॉकआउट किया। जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है। संसद के इतिहास में सालों बाद ऐसे मौके आते हैं जब सांसदों को ऐसा मौका मिलता है कि वे राष्ट्र की यात्रा को एक नयी दिशा दे सकें।
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