India vs US Tariff:भारत में निर्माण नहीं, वे खुद संभाल लेंगे, ट्रंप ने एप्पल CEO टिम कुक से कहा

India vs US Tariff:भारत में निर्माण नहीं, वे खुद संभाल लेंगे, ट्रंप ने एप्पल CEO टिम कुक से कहा

India vs US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कतर में एक बयान देकर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नया मोड़ ला दिया। ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा कि वे भारत में अपने उत्पादन को बढ़ावा न दें, क्योंकि भारत खुद अपना ख्याल रख सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत वैश्विक तकनीकी विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
 
भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद
ट्रंप ने कतर में अपनी एक यात्रा के दौरान कहा, "मैंने टिम कुक से कहा, मेरा दोस्त, मैं तुम्हारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार कर रहा हूँ। आप 500 अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं, लेकिन अब मैं सुन रहा हूँ कि आप भारत में हर जगह निर्माण कर रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि आप भारत में निर्माण करें"। ट्रंप का यह बयान भारत के विरोधों की ओर इशारा करता है, जो अमेरिकी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश को कठिन बनाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को पूरी तरह हटाने में लगी है, जो भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
 
एप्पल की भारत में स्थिति
एप्पल ने हाल के वर्षों में भारत में अपने विनिर्माण को तेजी से बढ़ाया है। फॉक्सकॉन और टाटा ग्रुप जैसे साझेदारों के साथ, भारत में बने iPhone की दुनिया भर में उत्पादन का 10-15% तक पहुंच गई है।  जबकि ट्रंप ने भारत पर 26% का पारस्परिक टैरिफ लगाया है, जो चीन (54%) और वियतनाम (46%) की तुलना में कम है। फिर भी, यह टैरिफ भारत से निर्यात (export) होने वाले iPhone को प्रभावित कर सकता है। जानकारों का मानना है कि यदि एप्पल भारत से उत्पादन कम करता है, तो यह भारत की वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की उपलब्धि सही नही है। दूसरी ओर, भारत सरकार टैरिफ कम करने और द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है।
 
भविष्य की संभावनाएँ
ट्रंप का यह रुख भारत के लिए अवसर और चुनौती दोनों पैदा करती है। जहाँ एक ओर भारत चीन से उत्पादन स्थानांतरित करने वाली कंपनियों के लिए आकर्षक गंतव्य बन रहा है, वहीं ट्रंप की नीतियाँ अमेरिकी कंपनियों को घरेलू उत्पादन में बढ़ाने के लिए आगे बढ़ा रही हैं। एप्पल ने अमेरिका में 500 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है, जिसमें AI सर्वर और अन्य तकनीकों का उत्पादन भी शामिल है।

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