
Maa Katyayani: आज नवरात्रि का छठा दिन है। जिसमें मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस स्वरूप की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। अपने इस स्वरूप में देवी मां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। इस स्वरूप में माता शेर पर विराजमान हैं और उनके सिर पर एक सुंदर मुकुट है। माता की चार भुजाएं हैं।
कैसा है मां कात्यायनी का स्वरूप?
मां दुर्गा का यह रूप अत्यंत उज्ज्वल और दिव्य है। वे ब्रजमंडल की प्रमुख देवी मानी जाती हैं। उनके चार हाथ हैं, जिनमें से दाहिनी ओर का ऊपरी हाथ अभयमुद्रा में है। जबकि निचला हाथ वरमुद्रा में है। बाईं ओर के ऊपरी हाथ में तलवार और निचले हाथ में कमल का फूल है। माता का वाहन सिंह है।
मां कात्यायनी की पूजा विधि
माता कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर पूजा का संकल्प लेना आवश्यक है। मां कात्यायनी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए पूजा के समय पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। माता कात्यायनी की पूजा में उन्हें अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले फूल और भोग अर्पित करें। इसके साथ ही माता की आरती और मंत्रों का जाप करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते है।
मां कात्यायनी का भोग
नवरात्रि के छठे दिन मां को शहद का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटें। इससे आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः..
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