CM Mamata Banerjee On Election Commission: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ECI) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि आयोग के अधिकारी राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहे हैं और राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं। यह बयान 2026के विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान के बीच आया है, जिसे ममता ने बीजेपी की साजिश करार दिया।
चुनाव आयोग धमका रहा है - CM ममता बनर्जी
दरअसल, ममता बनर्जी ने एक सार्वजनिक सभा में कहा 'चुनाव आयोग के अधिकारी हमारे राज्य के अधिकारियों को धमकियां दे रहे हैं। वे राजनीतिक प्रभाव में काम कर रहे हैं। मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी।' उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बीजेपी ने 'आग से खेलना' बंद नहीं किया, तो राजनीतिक रूप से यह आग उन्हें ही भस्म कर देगी। उनका यह बयान बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल पर इशारा करते हुए आया, जिन पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ममता ने दावा किया कि ऐसे अधिकारी ही भ्रष्ट लोगों को नियुक्त कर रहे हैं।
यह विवाद SIR प्रक्रिया के दौरान तेज हुआ है। ममता ने सवाल उठाया कि ऐसी प्राकृतिक आपदा और उत्सवों के समय में 15दिनों में मतदाता सूची का संशोधन कैसे संभव है? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी एक लाख नाम काटने की बात कर रही है, जो वास्तव में बंगाली और अल्पसंख्यक मतदाताओं को निशाना बनाने की साजिश है। उन्होंने कहा 'यह एनआरसी जैसा प्रयास है, जो बंगाल की संस्कृति और पहचान को मिटाने का काम करेगा।'
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
तो वहीं, चुनाव आयोग ने ममता के आरोपों का सीधा जवाब नहीं दिया है, लेकिन पिछले महीनों में इसी तरह के दावों पर पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया कानूनी प्रोटोकॉल के अनुसार हो रही है। अगस्त 2025में चार अधिकारियों को मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किए जाने के बाद ममता ने आयोग को 'बीजेपी का कठपुतली' करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य टीएमसी को कमजोर करना है।
फरवरी 2025में ममता ने दिल्ली और महाराष्ट्र चुनावों में फर्जी मतदाताओं को हरियाणा व गुजरात से जोड़ने का आरोप लगाया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि सुधार नहीं हुए, तो TMC आयोग के कार्यालय के बाहर धरना देगी। जून में उन्होंने बिहार चुनावों से पहले ECI की नई दिशानिर्देशों को 'एनआरसी का बैकडोर प्रयास' बताया, जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र जैसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जुलाई में उन्होंने राज्य अधिकारियों को याद दिलाया कि वे राज्य सरकार के अधीन हैं, न कि ईसीआई के।
BJP ने ममता पर लगाया धमकी का आरोप
दूसरी तरफ, बीजेपी ने ममता के बयान को उलट दिया। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने सोशल मीडिया पर कहा कि ममता अब खुले तौर पर चुनाव आयोग को धमका रही हैं, ताकि फर्जी वोटों को बचाया जा सके। उन्होंने दावा किया कि बिना फर्जी वोटों के टीएमसी ढह जाएगी। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसे 'लोकतंत्र में हस्तक्षेप' करार दिया। BJP का कहना है कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ मतदाता सूची सुनिश्चित करना है। पार्टी ने ममता पर ही चुनावी धांधली का आरोप लगाया, खासकर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां 2021 के चुनावों में टीएमसी की हार निकट थी।
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