Durgapur Gangrape Case: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की सेकंड क्लास की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ओडिशा की रहने वाली 23वर्षीय यह छात्रा शुक्रवार रात को अपने दोस्तों के साथ डिनर करने गई थी, लेकिन लौटते समय हमलावरों ने उसके साथ क्रूरता की हद पार कर दी। घटना के तीन दिन बाद भी पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि उसके पिता ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, पीड़िता ओडिशा के जेलेश्वर की रहने वाली है और दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। शुक्रवार रात करीब 8-9बजे वह अपने एक पुरुष सहपाठी के साथ कैंपस के बाहर खाना खाने गई। लौटते समय तीन-चार अज्ञात युवकों ने उन्हें रोका। सहपाठी ने पीड़िता को अकेला छोड़कर भागने का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद हमलावरों ने उसे जबरन एक जंगल की ओर ले गए और सामूहिक बलात्कार किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उसे हत्या की धमकी भी दी।
रात करीब 10बजे सहपाठी ने पीड़िता के परिवार को फोन किया और घटना की जानकारी दी। परिवार दुर्गापुर पहुंचा, जहां पीड़िता को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल जांच में चोटों की पुष्टि हुई, और पीड़िता को बेड रेस्ट पर रखा गया। वह अभी भी चलने में असमर्थ है और लगातार दर्द की शिकायत कर रही है।
पिता ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता के पिता ने दोस्त की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा 'वह मेरी बेटी को खाना खिलाने के बहाने बाहर ले गया। जब दो-तीन अन्य युवक आए, तो वह उसे छोड़कर भाग गया।' पिता का मानना है कि यह सुनियोजित षड्यंत्र हो सकता है। पुलिस ने इस सहपाठी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सहपाठी वासिफ अली सहित तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। फोन टावर डंपिंग और फोरेंसिक जांच से और सुराग मिलने की उम्मीद है। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि पीड़िता उस रात दो बार कैंपस से बाहर गई थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। छात्रों ने कॉलेज के बाहर धरना शुरू कर दिया है, जिसमें निष्पक्ष जांच और प्राचार्य से लिखित बयान की मांग की जा रही है।
पीड़िता के पिता भावुक होकर बोले 'मेरी बेटी बहुत दर्द में है। वह चल नहीं पा रही और बेड पर ही है। उसकी जिंदगी खतरे में है।' उन्होंने कहा कि वह बेटी को ओडिशा ले जाना चाहते हैं, क्योंकि बंगाल में उसकी सुरक्षा को खतरा है। पिता ने चेतावनी दी कि यदि कुछ और घटना हुई, तो बेटी आत्महत्या तक कर सकती है। नेशनल कमीशन फॉर वुमन (एनसीडब्ल्यू) की चार सदस्यीय टीम ने पीड़िता से मुलाकात की और पांच दिनों में एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है।
ममता पर तीखा प्रहार
दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने विवाद को भड़का दिया। सीएम ने कहा 'लड़कियों को रात में बाहर नहीं घूमना चाहिए। प्राइवेट कॉलेजों को छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। वह रात 12:30बजे कैंपस से बाहर कैसे निकली?' इस बयान पर पीड़िता के पिता भड़क गए। उन्होंने कहा 'यह क्या संदेश दे रही हैं? क्या वह फतवा जारी करेंगी कि महिलाएं रात को घर से न निकलें? ओडिशा को यह संदेश दे रही हैं कि बंगाल असुरक्षित है।' पिता ने सीएम से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। बीजेपी ने ममता सरकार पर निशाना साधा। विधायक सुवेंदु अधिकारी ने पीड़िता के पिता से बात की और मदद का वादा किया। बीजेपी नेता लॉक्चेट चटर्जी को अस्पताल पहुंचने से रोका गया, जिसके बाद पुलिस से टकराव हुआ। उन्होंने कहा 'यदि नई घटना हुई, तो अपराधी फिर छूट जाएंगे।' दुर्गापुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
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