पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, एंकर कनिका ग्रोवर समेत चार को उम्रकैद की सजा

पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, एंकर कनिका ग्रोवर समेत चार को उम्रकैद की सजा

kanpur Journalist Murder Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक लंबे समय से लटके मामले में फैसला सुनाया गया है। 2009में स्थानीय पत्रकार बृजेश गुप्ता की निर्मम हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश राजेश बाकेश सिंह की अदालत ने मुख्य आरोपी न्यूज एंकर कनिका ग्रोवर, उसके दो भाइयों सन्नी ग्रोवर और मन्नी ग्रोवर तथा रिश्तेदार सुरजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला 16साल की कठिन कानूनी लड़ाई के बाद आया है, जो न केवल पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाता है, बल्कि पत्रकारिता जगत में सच्चाई की आवाज को दबाने की साजिशों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देता है।

क्या था पूरा मामला?

बता दें, यह घटना जून 2009की है, जब कानपुर के बाबूपुरवा इलाके में रहने वाले बृजेश गुप्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बृजेश एक लोकप्रिय लोकल न्यूज चैनल 'सीएनएन' के संचालक थे, जो सामाजिक मुद्दों पर खुलकर रिपोर्टिंग करते थे। पुलिस जांच के अनुसार, उनकी हत्या एक व्यक्तिगत रंजिश और संपत्ति विवाद से जुड़ी थी। मुख्य आरोपी कनिका ग्रोवर, जो बृजेश की करीबी सहकर्मी और एंकर थी, पर शक गया। जांच में सामने आया कि कनिका ने अपने भाइयों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर साजिश रची थी। हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोशिश भी की गई, जिसमें कनिका की मां और चाचा भी शामिल थे।

पुलिस ने शुरुआती जांच में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन अदालती प्रक्रिया में कई मोड़ आए। गवाहों के बयान, फोरेंसिक सबूत और परिवार की लगातार पैरवी के बावजूद केस कई सालों तक लटका रहा। बृजेश के परिवार ने कई बार न्यायिक सक्रियता की मांग की, लेकिन सिस्टम की जटिलताओं ने इंसाफ को टालता रहा। आज के फैसले से पहले, कनिका की मां और चाचा को सबूत मिटाने के आरोप में पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है।

अदालत का फैसला

वहीं, आज अपर सत्र न्यायाधीश राजेश बाकेश सिंह ने सोमवार को सुनवाई पूरी करते हुए चारों मुख्य आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने साफ कहा कि यह हत्या न केवल व्यक्तिगत रंजिश थी, बल्कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा हमला था। प्रत्येक आरोपी को आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला कानपुर की एडीजे-19 कोर्ट में सुनाया गया, जहां 11 गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर निर्णय लिया गया। तो वहीं, पीड़ित परिवार के सदस्यों ने फैसले का स्वागत किया है। बृजेश की पत्नी ने कहा '16 साल की प्रतीक्षा कष्टपूर्ण थी, लेकिन आज बृजेश को सच्चा इंसाफ मिला। यह उन सभी पत्रकारों के लिए एक सबक है जो सच्चाई के लिए लड़ते हैं।'

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