जयशंकर की रणनीति से मिली भारत-अमेरिका के रिश्ते को नई दिशा, 10 वर्षीय सहयोग के फ्रेमवर्क पर सहमति

जयशंकर की रणनीति से मिली भारत-अमेरिका के रिश्ते को नई दिशा, 10 वर्षीय सहयोग के फ्रेमवर्क पर सहमति

INDIA-AMERICA Relation: ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तानी सेना प्रमुख से बातचीत जैसे मुद्दों पर तनाव के बाद, भारत और अमेरिका ने अपने रिश्तों को नई दिशा दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के  वाशिंगटन दौरे के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के साथ हुई बैठक में अगले दस वर्षों के लिए रक्षा सहयोग के ढांचे पर सहमति बनी। इससे पहले हेगसेथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रोबियो और ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट से भी मुलाकात कर रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया।

कारोबार को सेकर ज्लद होगा  समझौता

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी समझौता अंतिम चरण में है, जिसमें दोनों देश आयात शुल्क कम करने को तैयार हैं। जयशंकर और हेगसेथ की बैठक में फरवरी 2025में पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच रक्षा सौदों पर हुई चर्चा को आगे बढ़ाया गया। जेवेलिन एंटी-गाइडेड मिसाइल, स्ट्राइकर युद्धक वाहन और छह अतिरिक्त पी-8आई समुद्री गश्ती विमानों की खरीद पर बातचीत हुई। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय चुनौतियों को समझते हैं और मिलकर उनका सामना करने को तैयार हैं।

ऊर्जा सहयोग और निवेश समझौते की राह

जयशंकर ने ऊर्जा मंत्री राइट के साथ बैठक में ऊर्जा सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा की। भारत, जो पहले से ही अमेरिकी कच्चे तेल का बड़ा खरीदार है, अब और अधिक गैस खरीदने पर विचार कर रहा है। इस महीने होने वाले द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआइटी) में अमेरिकी पेट्रोलियम उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की संभावना है। जयशंकर ने कहा, “भारत और अमेरिका के रिश्ते पहले से मजबूत हैं, और इन्हें और गहरा किया जा सकता है।” यह दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत देता है। 

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