उत्तराखंड के चमोली में सुरंग बनी मौत का रास्ता, दो लोको ट्रेन के टकराने से 55+ लोग घायल

उत्तराखंड के चमोली में सुरंग बनी मौत का रास्ता, दो लोको ट्रेन के टकराने से 55+ लोग घायल

Chamoli Tunnel Accident: उत्तराखंड के चमोली जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग में बड़ा हादसा हुआ है, जहां दो लोको ट्रेनों की टक्कर से लगभग 60मजदूर घायल हो गए। दोनों ट्रेनों में करीब 108मजदूर सवार थे। ये हादसा पीपलकोटी में टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन की टनल के अंदर मजदूरों को लाने वाली ट्रेनों के बाच हुआ। लेकिन तसल्ली की बात यह है कि इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है।

कहां-कैसे हुआ हादसा?

ये हादसा बीती रात मंगलवार 30दिसंबर की रात करीब 10बजे हुआ, जब चमोली के पीपलकोटी इलाके में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की मुख्य सुरंग में दो लोको ट्रेनें आपस में टकरा गईं। सुरंग टीबीएम (टनेल बोरिंग मशीन) साइड पर लगभग 2.5किलोमीटर अंदर स्थित है। बता दें, ये ट्रेनें निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विशेष लोकोमोटिव हैं, जो मजदूरों और सामग्री को सुरंग के अंदर ले जाती हैं। एक ट्रेन में शिफ्ट बदलने जा रहे करीब 108मजदूर सवार थे, जबकि दूसरी ट्रेन में सामग्री ले जा रही थी। इसी बीच टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि टक्कर  इतनी जोरदार थी कि मजदूर अपनी सीटों से गिर पड़े, जिससे अंधेरी सुरंग में अफरा-तफरी मच गई।

जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 50से 70मजदूर घायल हुए हैं। ज्यादातर घायलों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों में ज्यादातर झारखंड और ओडिशा के मजदूर शामिल हैं। सभी घायलों को तुरंत गोपेश्वर जिला अस्पताल और पीपलकोटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 42को जिला अस्पताल में इलाज मिला और 17को पीपलकोटी में। सौभाग्य से, इस हादसे में किसी की मौत की खबर नहीं है, और सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।

बचाव और राहत कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही टीएचडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए गए, जिसमें एम्बुलेंस और अन्य वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। चमोली के जिलाधिकारी गौरव कुमार और पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पवार ने गोपेश्वर अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए और घायलों के परिजनों को फोन से सूचित किया। जिलाधिकारी ने टीएचडीसी अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। टीएचडीसी अधिकारियों ने अभी तक किसी भी कारण की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जांच में इन पहलुओं पर फोकस किया जा रहा है।

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