
UP News: उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुशखबरी! दरअसल, यूपी सरकार ने शुक्रवार 14नवंबर 2025को हुई कैबिनेट बैठक में वृद्धा पेंशन पर बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते अब यूपी में बिना फॉर्म भरे ही वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी। लेकिन यह पेंशन केवल 60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को मिलेगी। साथ ही बताया गया कि अब तक लगभग 67.50 लाख बुजुर्ग इस पेंशन का लाभ उठा रहे हैं।
कैसे पहचाने जाएंगे वृद्धावस्था लाभार्थी
शुक्रवार 14नवंबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान कहा गया कि ‘एक परिवार, एक पहचान’ योजना के चलते प्रत्येक परिवार के ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 60साल या उससे अधिक है, उनका डेटा सरकार के पास होगा। जिसकी मदद से वृद्धावस्था पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा राज्य के विकास को देखते हुए कई अन्य बड़े फैसले भी लिए गए हैं।
वृद्धा पेंशन योजना के बारे में जानकारी देते हुए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि ‘एक परिवार, एक पहचान’ प्रणाली के चलते परिवार पहचान पत्र के जरिए लाभार्थियों की स्वचालित तरीके से पहचान की जाएगी। इतना ही नहीं, बल्कि लाभार्थी की मंजूरी के बाद ही पेंशन स्वीकृत की जाएगी।
आधार से जुड़े बैंक खाते में आएगी पेंशन
आगे इस योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए असीम अरुण ने कहा कि यह प्रणाली 60 वर्ष की आयु के करीब पहुंच रहे या 60 साल से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को डिजिटल तरीके से ट्रैक करेगी और SMS, WhatsApp या फोन कॉल के माध्यम से सहमति प्रक्रिया शुरू करेगी। ऐसी जगहों पर, जहां डिजिटल सहमति मिलने में मुश्किल होती है, वहां अधिकारी या स्थानीय सहायक लाभार्थियों से व्यक्तिगत रूप से जाकर बात करेंगे।
पेंशन स्वीकृति में तेजी और श्रमिक सुरक्षा को मजबूती
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने पेंशन प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्री असीम अरुण ने बताया कि अब सहमति प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर पेंशन स्वीकृति पूरी कर दी जाएगी और भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेजा जाएगा। इसके साथ ही दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1962 को पूरे राज्य—ग्रामीण क्षेत्रों समेत—लागू करने के लिए संशोधन को मंजूरी मिली है। श्रम मंत्री अनिल राजभर के अनुसार, यह नया ढांचा छोटे प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त भार डाले बिना श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करेगा।
किरायेदारी नियमों में बड़ी राहत, स्टांप शुल्क में कटौती
कैबिनेट ने किरायेदारी नियमों को आसान बनाने के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट देने का फैसला भी मंजूर किया। 10 साल तक की अवधि वाले किराये के समझौतों पर अब पहले की तुलना में काफी कम शुल्क देना होगा। सरकार के नए प्रावधान के तहत एक वर्ष के लिए 2 लाख रुपये तक के किराये के अनुबंध पर स्टांप शुल्क सिर्फ 500 रुपये कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य लोगों को लिखित और पंजीकृत किराये के समझौते करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि अनौपचारिक अनुबंधों से पैदा होने वाले विवादों में कमी लाई जा सके।
Leave a comment