Sarfaraz Khan Selection Controversy: भारतीय क्रिकेट टीम के चयन प्रक्रिया ने एक बार फिर सियासी रंग ले लिया है। दिग्गज बल्लेबाज सरफराज खान को इंडिया ए स्क्वॉड से बाहर रखे जाने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर धार्मिक पक्षपात का गंभीर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। यह विवाद तब भड़का जब BCCI ने दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ दो चार दिवसीय मैचों के लिए इंडिया ए टीम की घोषणा की, जिसमें सरफराज का नाम शामिल नहीं था।
सरफराज खान की लगातार अनदेखी
बता दें, सरफराज खान इस समय मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट में लगातार धमाल मचा रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के चयन में नजरअंदाज हो रहे हैं। 28वर्षीय इस बल्लेबाज ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 56मैचों में 2467रन बनाए हैं, जिसमें 16शतक और 15अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 65.19का है। पिछले पांच सालों में उनका औसत 110.47तक पहुंच चुका है, जिसमें 10शतक और 5अर्धशतक हैं।
फरवरी 2024में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने वाले सरफराज ने तुरंत प्रभाव डाला था। उन्होंने डेब्यू टेस्ट में दो अर्धशतक ठोके और बेंगलुरु टेस्ट में 150रनों की शानदार पारी खेली थी। लेकिन इसके बाद से उनका सफर मुश्किल होता चला गया। वेस्टइंडीज सीरीज और अब इंडिया ए के लिए भी उन्हें जगह नहीं मिली। चयनकर्ताओं का कहना है कि यह टीम बैलेंस और चोट के कारण है, लेकिन कई पूर्व खिलाड़ी और प्रशंसक इसे अन्याय मान रहे हैं। BCCI के एक स्रोत ने बताया कि सरफराज को रणजी ट्रॉफी में ज्यादा मैच खेलने का मौका दिया जा रहा है।
शमा मोहम्मद का तीखा तीर
दूसरी तरफ, आपको कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद तो याद ही होंगी। जिन्होंने हाल ही में पूर्व कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस पर टिप्पणी की थी। लेकिन इस बार उन्होंने गौतम गंभीर पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा 'क्या सरफराज खान को उनके सरनेम की वजह से नहीं चुना गया? #जस्टआस्किंग। हम जानते हैं कि गौतम गंभीर इस मामले में कहां खड़े हैं।' यह टिप्पणी गंभीर के पूर्व भाजपा सांसद रहने के संदर्भ में थी, जो धार्मिक पक्षपात का इशारा करती प्रतीत होती है।
शमा का यह बयान तेजी से वायरल हुआ और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे समर्थन दिया। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरफराज की अनदेखी पर सवाल उठाते हुए कहा 'सरफराज खान को इंडिया ए में भी जगह क्यों नहीं मिली।' पूर्व भारतीय क्रिकेटर अतुल वासन ने आरोपों को 'अनुचित' बताते हुए कहा कि सरफराज को मौके कम मिल रहे हैं, लेकिन इसे धार्मिक रंग देना गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय खेल में कभी ऐसा भेदभाव नहीं हुआ।
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