क्रिसमस पर हुई तोड़फोड़ पर थरूर भड़के, संस्कृति-परंपराओं का किया जिक्र; बोले - ये हमला…

क्रिसमस पर हुई तोड़फोड़ पर थरूर भड़के, संस्कृति-परंपराओं का किया जिक्र; बोले -  ये हमला…

Shashi Tharoor On Christmas Vandalism:क्रिसमस के पर्व पर देश के विभिन्न हिस्सों में तोड़फोड़ और उत्पात की घटनाओं ने ईसाई समुदाय में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है और इसे देश की साझा संस्कृति एवं परंपराओं पर हमला बताया है। दरअसल, थरूर ने केरल के पलक्कड़ में कैरोल गायन समूह पर हुए हमले की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब ऐसा हमला होता है, तो यह सिर्फ ईसाई मुद्दा नहीं रह जाता, बल्कि हम सब पर हमला है। उन्होंने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

उत्सव के बीच डर और चिंता का साया

इस साल क्रिसमस का पर्व कई राज्यों में हिंसा और उत्पात की छाया में मनाया गया। थरूर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि केरल में उत्सवी माहौल तो बना रहा, लेकिन स्थानीय घटनाओं और राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती असहिष्णुता के कारण अभूतपूर्व चिंता का माहौल है। उन्होंने आर्कबिशप नेटयो के मिडनाइट मास में दिए बयान का जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि ईसाई समुदाय 'डर और चिंता' के बीच क्रिसमस मना रहा है और मणिपुर तथा उत्तर भारत की हिंसा अब केरल के दरवाजे पर दस्तक दे रही है। कार्डिनल क्लेमिस ने भी अधिकारियों की रहस्यमयी चुप्पी पर दर्द जताया और पूछा कि संवैधानिक अधिकार से आस्था का अभ्यास क्यों चुनौतीपूर्ण हो रहा है। 

थरूर ने इन घटनाओं को भारत की साझा विरासत पर हमला बताया, खासकर केरल में जहां ईसाई धर्म दो हज़ार पुराना है। उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा में सभी के लिए योगदान दिया है और ऐसी हिंसा इसे अनादर है। थरूर ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के शब्दों का हवाला दिया 'अंधेरा अंधेरे को नहीं भगा सकता, केवल प्रकाश कर सकता है। नफरत नफरत को नहीं भगा सकती, केवल प्यार कर सकता है।' उन्होंने जोर दिया कि शांति अनुपस्थिति नहीं, बल्कि न्याय की मौजूदगी है, और बहुमत को अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न के खिलाफ चुप नहीं रहना चाहिए।

कहां-कहां हुई तोड़फोड़?

बता दें, केरल के पलक्कड़ जिले के पुडुसेरी में एक क्रिसमस कैरोल ग्रुप पर हमला। कथित रूप से एक भाजपा कार्यकर्ता ने प्रतिभागियों को पीटा और संगीत वाद्ययंत्र तोड़ दिए। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर के मैग्नेटो मॉल में सांता क्लॉज की मूर्ति को तोड़ा। साथ ही,  विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की युवा शाखा के सदस्यों ने लाखों रुपये की सजावट को नुकसान पहुंचाया।

इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक नेत्रहीन ईसाई लड़की पर हमला किया गया। उत्तर प्रदेश के एक चर्च में प्रार्थना में बाधा डालने की कोशिश की गई। इसी तरह, असम के नलबाड़ी शहर के एक डायोसीज स्कूल में बाजरंग दल और वीएचपी कार्यकर्ताओं ने घुसकर सजावट और आभूषण तोड़े। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली के लाजपत नगर में सांता कैप पहनी महिलाओं को बाजरंग दल सदस्यों ने धार्मिक प्रचार का आरोप लगाकर धमकाया और भगाया।

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