
Punjab Flood: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान और चीन की यात्रा से दिल्ली लौटते ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति का जायजा लिया। सूत्रों के अनुसार, पीएम ने पंजाब को हर संभव सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया। पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 29 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सबसे अधिक मौतें पठानकोट जिले में हुई हैं। पिछले एक महीने से राज्य के 12 जिले इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं, जिसे अधिकारियों ने दशकों की सबसे भयावह आपदा करार दिया है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं, जिससे स्थिति और विकट हो गई है। बाढ़ से 1,044 गांव प्रभावित हुए हैं और 2,56,107 लोग इसकी चपेट में हैं, जिनमें अमृतसर (35,000) और फिरोजपुर (24,015) सबसे अधिक प्रभावित हैं। अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिसमें गुरदासपुर (5,549), फिरोजपुर (3,321), फाजिल्का (2,049), अमृतसर (1,700) और पठानकोट (1,139) शामिल हैं। बाढ़ ने 96,061 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाया है और पशुधन को भी भारी क्षति हुई है।
राहत कार्यों में जुटा प्रशासन
पंजाब सरकार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पंजाब पुलिस दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हैं। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई हैं। बुनियादी ढांचे और पशुधन के नुकसान का आकलन पानी उतरने के बाद होगा। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को तत्काल राहत और पुनर्वास का भरोसा दिलाया है, ताकि इस आपदा से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके।
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