
Delhi Metro Network Expansion: दिल्ली-NCR के निवासियों के लिए नए साल की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार एक बड़ी खुशखबरी लेकर आई है। परिवहन तंत्र को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने दिल्ली मेट्रो के फेज 5A को मंजूरी दे दी है, जिसमें तीन नए कॉरिडोर शामिल हैं। इस परियोजना से 16 किलोमीटर का विस्तार होगा और 13 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 10 अंडरग्राउंड और 3 एलिवेटेड होंगे। इसकी कुल लागत 12,015 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जो शहर की बढ़ती आबादी और ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
3 नई मेट्रो कॉरिडोर और 13 नए स्टेशन
सरकार के इस फैसले से दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से ज्यादा हो जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण और सुगम यात्रा को बढ़ावा देगा। यह परियोजना दिल्ली मेट्रो फेज 5 का पहला हिस्सा है, जो तीन कॉरिडोर पर फोकस करेगी। इनका उद्देश्य आवासीय इलाकों, कमर्शियल जोन और प्रमुख ट्रांजिट हब को बेहतर तरीके से जोड़ना है। निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है, यानी 2028 तक ये कॉरिडोर ऑपरेशनल हो सकते हैं। पूरे फेज 5 में 206.5 किमी का विस्तार शामिल है, लेकिन पहले चरण पर फोकस है।
1. रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर
यह 9.9 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड रूट है, जो ग्रीन लाइन का विस्तार है। इसमें 9 स्टेशन शामिल हैं - इंद्रप्रस्थ, भारत मंडपम, बैरोडा हाउस, इंडिया गेट (सी-हेक्सागोन के पास), न्यू कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, युगे युगेन भारत म्यूजियम, शिवाजी स्टेडियम और रामकृष्ण आश्रम मार्ग। यह कॉरिडोर राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और भारत मंडपम जैसे अहम स्थलों से होकर गुजरेगा, जिससे सरकारी कार्यालयों और पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
2. एरोसिटी से दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 कॉरिडोर
यह 2.3 किलोमीटर का छोटा लेकिन अहम कॉरिडोर में से एक होगा, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनलों को सीधे जोड़ेगा। इससे हवाई यात्रियों को एयरपोर्ट के अंदर सुगम आवागमन मिलेगा, और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज कॉरिडोर
लगभग 4 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर साउथ दिल्ली और नोएडा को बेहतर तरीके से कनेक्ट करेगा। इसमें तीन स्टेशन होंगे, जो आवासीय क्षेत्रों को फायदा पहुंचाएंगे। यह रूट ट्रैफिक जाम से प्रभावित इलाकों में राहत प्रदान करेगा
पर्यावरण और सुविधा में सुधार
यह विस्तार दिल्ली की ट्रैफिक समस्या को कम करेगा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देगा और सालाना 33,000 टन CO2 उत्सर्जन बचाएगा। लाखों लोग रोजाना इससे लाभान्वित होंगे। यह 'आत्मनिर्भर भारत' और सस्टेनेबल विकास की दिशा में एक कदम है, जो शहर को और स्मार्ट बनाएगा।
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