PM मोदी को Xi Jinping ने कराई अपनी पसंदीदा कार ‘होंगची’ की सवारी, 'Aurus' लेकर पहुंचे पुतिन

PM मोदी को Xi Jinping ने कराई अपनी पसंदीदा कार ‘होंगची’ की सवारी, 'Aurus' लेकर पहुंचे पुतिन

SCO Summit 2025: तिआनजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय चीन यात्रा का भव्य स्वागत हुआ। चीनी सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित ‘होंगची L5’ कार उपलब्ध कराई, जिसे ‘रेड फ्लैग’ के नाम से जाना जाता है। यह वही लग्जरी कार है, जिसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग आधिकारिक दौरों पर इस्तेमाल करते हैं और 2019 में महाबलीपुरम में PM मोदी से मुलाकात के दौरान भी इसका उपयोग किया था।

1958 में फर्स्ट ऑटोमोटिव वर्क्स (FAW) द्वारा शुरू की गई यह कार कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं के लिए बनाई गई थी और ‘मेड इन चाइना’ का प्रतीक है। दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी रेट्रो-स्टाइल लग्जरी ‘ऑरस’ कार में तिआनजिन पहुंचे, जिसे रूसी कंपनी ऑरस मोटर्स ने बनाया है और इसमें चीनी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाई गई है।

मोदी-शी मुलाकात: ड्रैगन और हाथीकी दोस्ती पर जोर

समिट के दौरान PM मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। शी ने कहा, “ड्रैगन और हाथी को दोस्त बनना चाहिए,” जबकि PM मोदी ने आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का सहयोग 2.8अरब लोगों के कल्याण से जुड़ा है और यह वैश्विक शांति के लिए जरूरी है। बैठक में 2020के गलवान संघर्ष के बाद सीमा पर शांति और स्थिरता की सराहना की गई, साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा और डायरेक्ट उड़ानों की बहाली पर भी चर्चा हुई।

वैश्विक मंच पर भारत-चीन की नई शुरुआत

यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब अमेरिका के टैरिफ विवाद ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। PM मोदी ने कहा कि सीमा पर सैनिकों की वापसी से दोनों देशों के बीच स्थिरता बढ़ी है। शी जिनपिंग ने भारत और चीन को वैश्विक दक्षिण का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए बहुपक्षीय सहयोग पर बल दिया। यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों में नई गर्मजोशी का संकेत देती है, जो BRICS और SCO जैसे मंचों पर सहयोग को मजबूत कर सकती है। PM मोदी ने शी को 2026के BRICS समिट के लिए भारत आमंत्रित भी किया। यह यात्रा और मुलाकात वैश्विक मंच पर दोनों देशों की एकजुटता का प्रतीक है।

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