तकनीक, डिजिटल कृषि और ‘बिहार फ्रेश’ ब्रांड, कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया कैसे बदली खेती की तस्वीर

तकनीक, डिजिटल कृषि और ‘बिहार फ्रेश’ ब्रांड, कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया कैसे बदली खेती की तस्वीर

Ram Kripal Yadav On Bihar's Agriculture:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'Lab to Land' के संकल्प - अर्थात् वैज्ञानिक शोध को सीधे खेत तक पहुँचाने और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'हर भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन' के दूरदर्शी विज़न को ज़मीनी स्तर पर साकार करने की दिशा में आज बिहार ने एक और निर्णायक कदम बढ़ाया। इसी क्रम में कृषि विभाग, बिहार द्वारा 'सब्जी से समृद्धि, आत्मनिर्भर किसान' विषय पर आज कृषि भवन, पटना के सभागार में हितधारकों के साथ एक उच्चस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया।

बता दें, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री, बिहार राम कृपाल यादव थे तथा बैठक की अध्यक्षता प्रधान सचिव, कृषि विभाग श्री पंकज कुमार ने की। इस परिचर्चा का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2026-27 से 2028-29 के लिए बिहार में वैज्ञानिक पद्धति से उच्च मूल्य वाली सब्जियों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन हेतु एक ठोस नीति एवं रोडमैप पर व्यापक मंथन करना रहा।

खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की प्रतिबद्धता

कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा 'पीएम मोदी के Lab to Land के संकल्प के अनुरूप हमारा प्रयास है कि आधुनिक अनुसंधान, उन्नत बीज, नई तकनीक और नवाचार सीधे किसानों के खेत तक पहुँचें। वहीं मुख्यमंत्री का सपना है कि बिहार के अन्न, सब्जी और व्यंजन देश की हर थाली की पहचान बनें।' उन्होंने कहा 'मैं चाहता हूँ कि बिहार का कोई भी खेत खाली न रहे और हर किसान आत्मनिर्भर बने।' उनका कहना है कि किसानों की आय में वृद्धि ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए धान–गेहूँ के साथ-साथ सब्जी, फल, फूल और औषधीय फसलों को मुख्यधारा में लाना आवश्यक है।

सब्जी उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में बिहार में प्रतिवर्ष 170–180 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 9 प्रतिशत है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पाँच वर्षों में इसे बढ़ाकर 400 लाख मीट्रिक टन तक पहुँचाया जाए।

कोल्ड-चेन और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती

कृषि मंत्री आगे कहते है कि फसल कटाई के बाद 20 से 40 प्रतिशत तक की क्षति किसानों की आय पर सीधा प्रभाव डालती है। वर्तमान में राज्य की कोल्ड स्टोरेज क्षमता 13 लाख मीट्रिक टन है, जबकि वास्तविक आवश्यकता 40 लाख मीट्रिक टन की है। उन्होंने कहा 'प्रखंड स्तर तक कोल्ड-चेन, पैक हाउस, ग्रेडिंग और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना अब हमारी प्राथमिकता है।'

तकनीक, डिजिटल कृषि और बिहार फ्रेशब्रांड

राम कृपाल यादव ने कहा कि बिहार ने सड़क, रेल, डिजिटल और एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब AI, IoT और ड्रोन तकनीक के माध्यम से कृषि को आधुनिक बनाया जा रहा है, जिसके लिए डिजिटल कृषि निदेशालय का गठन किया गया है। उन्होंने कहा 'मेरा सपना है कि ‘बिहार फ्रेश’ एक सशक्त ब्रांड बने, जिससे बिहार के कृषि उत्पाद लोकल से ग्लोबल बाजार तक अपनी पहचान बना सकें।'

इस मौके पर प्रधान सचिव, कृषि विभाग पंकज कुमार ने कहा कि बिहार में सब्जी क्षेत्र का विस्तार किसानों की स्थायी आय वृद्धि के लिए अनिवार्य है। उन्होंने तीन फसली खेती, उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज, विशिष्ट पहचान वाली सब्जियों और प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया। इस दौरान विशेष सचिव डॉ॰ बीरेन्द्र प्रसाद यादव, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, प्रबंध निदेशक भेजफेड एवं बिहार राज्य भंडार निगम डॉ॰ गगन, निदेशक पीपीएम श्री संतोष कुमार उत्तम सहित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं विभिन्न हितधारक उपस्थित रहे।

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