
Amit Shah On Vande Mataram: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। शाह ने कहा कि नेहरू ने वंदे मातरम को 'टुकड़ों में बांट दिया' और इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान इस गीत का जाप करने वालों को जेल में डाल दिया। यह बयान संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम एक ऐसा गीत हैं, जिसने भारत की आज़ादी की लड़ाई को एक आवाज दी। उनका कहना है कि उस कार्रवाई ने सिर्फ एक गीत को नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्रवाद की भावना को क्षति पहुँचाई।
राज्यसभा में क्या बोले अमित शाह?
बता दें, वंदे मातरम बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 में लिखा गया था और यह स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख प्रतीक बना। संसद में इसकी 150वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में 08 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा शुरू की थी, जहां उन्होंने नेहरू पर मुस्लिम लीग के दबाव में गीत को खंडित करने का आरोप लगाया। तो वहीं, राज्यसभा में अमित शाह ने इस बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा हमेशा जरूरी रहेगी, चाहे वह आजादी की लड़ाई का समय हो या 2047 के विकसित भारत का लक्ष्य। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहस पश्चिम बंगाल चुनावों से जुड़ी नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने अपील की कि इस गीत को राजनीतिक विवादों से ऊपर रखा जाए, क्योंकि यह मातृभूमि के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना जगाता है।
नेहरू और इंदिरा पर लगाए आरोप
गृह मंत्री ने नेहरू पर तुष्टिकरण की नीति शुरू करने का आरोप लगाया। उनके अनुसार, नेहरू ने मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना की सांप्रदायिक चिंताओं को मानते हुए वंदे मातरम को खंडित किया, जिससे देश का विभाजन हुआ। शाह ने कहा /तुष्टिकरण की नीति वंदे मातरम को तोड़कर शुरू हुई; अगर ऐसा नहीं होता तो देश का बंटवारा नहीं होता।'
दूसरी तरफ, इंदिरा गांधी को लेकर शाह ने 1975 की इमरजेंसी का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि उस दौर में वंदे मातरम का जाप करने वाले लोगों को जेल में डाला गया। यह आरोप लोकसभा में पीएम मोदी के बयान से जुड़ता है, जहां उन्होंने कांग्रेस पर वंदे मातरम के साथ 'अन्याय' का आरोप लगाया था। शाह ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी आज भी इस गीत पर विवाद पैदा करने की कोशिश करते हैं। शाह का कहना था कि जब वंदे मातरम् को 100 साल पूरे हुए, तब उस वक्त देश बंदी जैसा हो गया था, संविधान पर शिकंजा लग गया, कई स्वतंत्रता‑प्रेमियों पर कार्रवाई हुई।
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