Rahul Gandhi Chandigarh Live: राहुल गांधी अमनीत पी कुमार के घर पहुंचे, IPS पूरन कुमार को दी श्रद्धांजलि; ओपी सिंह बने DGP के अतिरिक्त प्रभार

Rahul Gandhi Chandigarh Live: राहुल गांधी अमनीत पी कुमार के घर पहुंचे, IPS पूरन कुमार को दी श्रद्धांजलि; ओपी सिंह बने DGP के अतिरिक्त प्रभार

Rahul Gandhi Live News: हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस लगातार तूल पकड़ रहा है। इस मामले के सातवें दिन हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत सिंह कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह फैसला परिवार की मांगों और बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच आया है, जहां मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी की शर्त पर ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही है।

बता दें, हरियाणा पुलिस विभाग में कथित जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक उत्पीड़न के तंग आकर वाई. पूरन कुमार ने 07अक्टूबर को अपने चंडीगढ़ स्थित आवास पर गोली मारकर की आत्महत्या कर ली। 

राहुल गांधी ने DGP पूरण कुमार को दी श्रद्धांजलि

राहुल गांधी आईएएस अमनीत पी कुमार के घर पहुंच चुके हैं। जहां उन्होंने DGP पूरण कुमार को श्रद्धांजलि दी।

IAS अमनीत पी कुमार के घर पहुंचे राहुल गांधी

चंडींगढ़ पहुंचने के बाद राहुल गांधी आईएएस अमनीत पी कुमार के घर पहुंच गए हैं। उनके साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राव नरेंद्र भी शामिल हैं।

चंडीगढ़ पहुंचे राहुल गांधी

राहुल गांधी चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। इसके बाद वह सीधा सेक्टर 24 एडीजीपी निवास के लिए रवाना हुए।

ओमप्रकाश को सौंपा DGP का कार्यभार

IPS पूरन कुमार सुसाइड के बाद हरियाणा सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया था। जिसके बाद डीजीपी का कार्यभार ओमप्रकाश सिंह को सौंपा गया है। बता दें, ओमप्रकाश दिवंगत अदाकार सुशांत सिंह राजपूत के जीजा हैं।

परिवार ने की न्याय की मांग

इस घटना के तुरंत बाद IPS पूरन कुमार की पत्नी, 2001बैच की IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने DGP कपूर और बिजार्निया पर आत्महत्या के लिए उकसाने (IPC की धारा 306के समकक्ष BNS की धारा 108) और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की। अमनीत ने कहा 'यह साधारण आत्महत्या नहीं, बल्कि व्यवस्थित उत्पीड़न का परिणाम है। मेरे पति को SC समुदाय के होने के कारण वर्षों से अपमानित किया गया।'

दूसरी तरफ, परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। परिवार का कहना है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो ताजा, तब तक शव का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार नहीं होगा। IPS पूरन कुमार सुसाइड केस को सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस की ओर से SIT ने परिवार को पत्र लिखकर पोस्टमॉर्टम के लिए सहयोग मांगा। 'जस्टिस फॉर वाई. पूरन कुमार' नामक 31सदस्यीय कमेटी ने 48घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद DGP कपूर को एक लंबी छुट्टी पर भेजा गया। परिवार को स्थायी सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके अलावा बिजार्निया को पहले ही पद से हटा दिया गया है, लेकिन पोस्टिंग नहीं मिली।

FIR दर्ज, SIT गठित, DGP पर छुट्टी की मुहर

सरकार ने अमनीत की शिकायत पर 9-10अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11थाने में FIR दर्ज की, जिसमें कपूर, बिजार्निया के अलावा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी समेत 15वरिष्ठ अधिकारियों को नामजद किया गया। विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया, जिसमें चंडीगढ़ SSP कंवरदीप कौर शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो कपूर को छुट्टी पर भेजने का फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की बैठक के बाद लिया गया। जानकारी के अनुसार, उनकी जगह वरिष्ठ IPS अधिकारी ओपी सिंह को कार्यवाहक DGP बनाया जा सकता है।

जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न...

मालूम हो कि वाई. पूरन कुमार (2001बैच) हरियाणा के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ADGP) थे और अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से ताल्लुक रखते थे। 07अक्टूबर को उनकी बेटी ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11स्थित घर के बेसमेंट में उनका शव पाया, जिसमें सिर पर गोली का निशान था। जेब से मिले आठ-नौ पेज के सुसाइड नोट में कुमार ने 10-12वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, पदोन्नति में अनियमितता और सार्वजनिक अपमान के गंभीर आरोप लगाए। इनमें DGP शत्रुजीत कपूर (1990बैच) और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजार्निया का नाम प्रमुखता से शामिल था।

कुमार ने नोट में लिखा कि उन्होंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव समेत कई उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अपनी शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में रोहतक में दर्ज एक फर्जी FIR (नंबर 0319/2025) को वे कपूर के इशारे पर साजिश बता रहे थे, जिसमें उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही थी। यह घटना न केवल पुलिस विभाग में व्याप्त कथित 'मनुवादी व्यवस्था' का प्रतीक बनी, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए।

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