
Delhi News: दिल्ली के शिक्षा मंत्री एवं जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक आशीष सूद ने आज अपने क्षेत्र में बनाए गए विभिन्न छठ पूजा घाटों पर पहुंचकर व्रतधारी माताओं एवं श्रद्धालुओं से संवाद कर उनकी कुशलक्षेम जानी और उन्हें छठ महापर्व की शुभकामनाएँ भी दीं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा केवल सूर्य देव की उपासना नहीं, बल्कि मानव और प्रकृति के पवित्र रिश्ते का महा उत्सव है। यह पर्व अनुशासन, आस्था, स्वच्छता और सामूहिक एकता का प्रतीक है।
इस साल 31से ज्यादा छठ घाटों का निर्माण
आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा जनकपुरी क्षेत्र में इस साल 31से ज्यादा छठ घाटों का निर्माण कराया गया है जो पिछले 27सालों में कभी नहीं किया गया था। इन घाटों के बनने से श्रद्धालु सुरक्षित, स्वच्छ और शांत वातावरण में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन सभी छठ घाटों पर पर्याप्त सफाई व्यवस्था, सुरक्षा, प्रकाश, पेयजल, टेंट, चिकित्सा सुविधा और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
शिक्षा मंत्री ने वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं से भावनात्मक आह्वान किया कि बिहार के पटना, बक्सर, दीघा, भागलपुर, बेगूसराय, मोकामा, गया, सिवान जहां-जहां उनके परिवारजन रहते हैं, वहां तक जनकपुरी से छठी मइया के जयकारों की गूंज सुनाई देनी चाहिए। तभी यह संदेश जाएगा कि इस बार दिल्ली के जनकपुरी में छठ पर्व आस्था, उल्लास और एकता के अभूतपूर्व भाव के साथ मनाया जा रहा है।
CM रेखा गुप्ता को कहा धन्यवाद
आशीष सूद ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दिल्ली में यमुना के तटों पर 12सालों के बाद छठ मनाने की अनुमति देने के लिए हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा की यह हमारा पहला प्रयास है आने वाले वर्षों में हम इसे और भी भव्य और ऐतिहासिक रूप देंगे। उन्होंने आगे कहा कि लोक आस्था के इस महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज सभी व्रतधारी माताएँ और श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। कल प्रातः सभी व्रतधारी उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी साधना पूर्ण करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हर धर्म और समुदाय के पर्वों को समान सम्मान और सहयोग के साथ मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। छठ पूजा जो दिल्ली के हजारों प्रवासी परिवारों की आस्था और भावनाओं से जुड़ा हुआ है आज दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा की छठ पर्व सूर्य उपासना के माध्यम से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और नवचेतना का संचार करता है। जब हम सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो यह केवल प्रकृति के प्रति कृतज्ञता नहीं, बल्कि अपने भीतर की प्रकाशमान चेतना को जगाने का प्रतीक भी है।
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