"सभी को अंतरिक्ष से नमस्ते...", स्पेस से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश

Shubhanshu Shukla Axiom Mission: कल्पना कीजिए, आप अंतरिक्ष की अनंत ऊंचाइयों में हैं, जहां नीचे नीला ग्रह धरती चमक रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने यही सपना सच कर दिखाया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर बढ़ते हुए, उन्होंने अंतरिक्ष से भारत के लिए पहला संदेश भेजा है। SpaceX के ड्रैगन यान से भेजे गए इस संदेश में उन्होंने कहा, "सभी को अंतरिक्ष से नमस्ते! मैं यहां एक बच्चे की तरह नई-नई चीजें सीख रहा हूं।" यह संदेश न केवल उनकी उत्सुकता को दर्शाता है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक पल भी है।

भारतीय समयानुसार आज शाम 4:30 बजे ISS पर होगी डॉकिंग

शुभांशु शुक्ला Axiom Mission 4 के हिस्से के रूप में ISS की यात्रा पर हैं। उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी हैं, जो भारतीय समयानुसार आज शाम 4:30 बजे ISS पर डॉक करेंगे। डॉकिंग के बाद वे अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश करेंगे, जहां उनका मुख्य लक्ष्य वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी परीक्षण करना होगा। शुभांशु ने अपने लाइव प्रसारण में कहा, "यह एक छोटा कदम हो सकता है, लेकिन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह एक मजबूत और स्थिर कदम है।" उनकी यह बात भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को और मजबूती देती है।

बच्चे की तरह सीखने की उत्सुकता

शुभांशु ने अपने संदेश में अंतरिक्ष में रहने के अनुभव को एक बच्चे की सीख से जोड़ा। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में चहलकदमी करना, खाना-पीना और नई चीजों को समझना किसी नई दुनिया में कदम रखने जैसा है। यह न केवल उनकी जिज्ञासा को दर्शाता है, बल्कि अंतरिक्ष में मानव जीवन की चुनौतियों को भी उजागर करता है।

भारत के लिए गर्व का पल

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के लिए गर्व का विषय है। उनके इस कदम से भारत का मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम और मजबूत हो रहा है। ISS पर उनके प्रयोग नई खोजों को जन्म देंगे, जो भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की भूमिका को और सशक्त करेंगे। शुभांशु और उनकी टीम के ISS में प्रवेश के बाद, वे कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। यह मिशन न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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