India Maldives Deal: मालदीव ने भारत को सौंपे 28 द्वीप, चीन को लगा बड़ा झटका

India Maldives Deal: मालदीव ने भारत को सौंपे 28 द्वीप, चीन को लगा बड़ा झटका

India Maldives Relation: भारत और मालदीव के रिश्तों में कड़वाहट खत्म होते दिख रही है। लगभग एक साल तक दोनों देशों के बीच जमकर जुबानी जंग चलने के बाद आखिरकार चीन की साजिश असफल होते दिख रही है। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों मालदीव के दौरे पर हैं। विदेश मंत्री ने पिछले दिनों मालदीव में भारत के सहयोग से बनी कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही मालदीव ने भारत को 28 द्वीपों की व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी भारत को सौंपने का फैसला लिया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खुद इसकी घोषणा की है। इस घोषणा के बाद चीन का भारत के खिलाफ बनाई रणनीति असफल होते दिख रही है। बता दें, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जूपिछले कुछ समय से चीन के करीब जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें जितना चीन से चाहिए था, उतना नहीं मिल पाया। इसलिए वो वापस भारत के साथ रिश्ते अच्छे करने में लगे हैं।

मुइज्जू ने भारत को सौंपे 28 द्वीप

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “, मालदीव के 28  द्वीपों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को आधिकारिक तौर पर सौंपे जाने के मौके पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। हमेशा मालदीव की मदद करने के लिए मैं भारत सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं।“

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के इस ट्वीट के बाद भारत अब मालदीव के 28 द्वीपों पर पानी और सीवर की साफ-सफाई का काम देखेगी। दरअसल, मालदीव में कूड़े फेंकने के सख्त नियम बनाए गए हैं। होटलों और रिसॉर्ट्स के लिए कचरे को अलग-अलग रखना अनिवार्य होता है। थिलाफुशी नाम के एक द्वीप पर ठोस कचड़े को गलाने के लिए भेजा जाता है। वहां भेजने से पहले कचड़े को सावधानी से पैक करके लेबल लगाना होता है। ताकी वो उसे सही तरीके से थिलाफुशी द्वीप पर भेज सके। बता दें, मालदीव में लगभग 1190 द्वीप हैं, जिनमें से 200 द्वीपों पर ही आबादी है। 150 द्वीप ऐसे हैं जिन्हें पर्यटन के लिए विकसित किया गया है. अब स्थिति ये होने वाली है कि 200 में से 28 द्वीपों की व्यवस्था भारत के हाथ में आ जाएगी।

चीन की योजना हुई असफल

हालांकि, मालदीव के इस कदम से चीन को करारा झटका लगा है। विदेश मंत्री जयशंकर की तीन दिवसीय यात्रा पर चीन की पैनी नजर थी। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन मालदीव के साथ बहुत खास संबंध या सहयोग की इच्छा नहीं रखता है, जबकि भारत इस इलाके में अपने प्रभुत्व के लिए चीन को एक डर के तौर पर पेश करता है। हालांकि मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले चीन की यात्रा पर गए थे। उस दौरान उन्होंने चीन को 36 द्वीप देने की बात कही थी। जिसके बदले चीन ने मालदीव में 1200 करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान किया था। ये खबर भारत के चिंता की खबर थी लेकिन अब भारत ने 28 द्वीप को लेकर चीन की योजना को असफल कर दिया है। इसके बदले भारत ने मालदीव 923 करोड़ रुपए निवेश किए हैं।

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